Tagged: Raj Kapoor

सिनेमा में ‘आवारा’ और उसकी दुनिया का विमर्श

फ़िल्म ‘आवारा ‘ के जज ‘रघुनाथ’ समाज से विद्रोह करके एक ‘विधवा’ से शादी करते हैं मगर पत्नी के एक डाकू द्वारा अपहरण कर लेने के बाद वापिस आने पर उसे घर मे नहीं रख पाते। ‘लोकोपवाद’ का भय उन पर इस कदर हावी है उनकी प्रारम्भिक ‘प्रगतिशीलता’ हवा हो जाती है और अपनी गर्भवती पत्नी को घर से निकाल देते हैं।

तीसरी कसम : न कोई इस पार हमारा, न कोई उस पार

फिल्म एक ऐसी विधा है, ऐसा आर्टफॉर्म है जिसमें कहानी… किसी फिल्म का सबसे अधिक और सबसे कम महत्वपूर्ण तत्व होता है। सबसे कम इसलिए कि पर्दे पर जो दुनिया रची जाती है उसमें...

Dastangoi The Art

Alvida Dilip Sa’b

An obituary that consists gems of tweets on Dilip Kumar Sahab as a tribute by Dastangoi The Art.