अलविदा गोदार: सिनेमा में नियम तोड़ने के नियम सिखाने का शुक्रिया
50 और 60 के दशक में फ्रेंच न्यू वेव सिनेमा के अग्रणी फिल्मकारों में रहे ज्यां-लुक गोदार का 91 वर्ष की अवस्था में निधन हो गया। लुई माल, क्लूद शैबरॉल, फ्रांस्वा ट्रूफॉ, एलेन रेने और ज्यां-लुक गोदार… यही वो प्रमुख फिल्मकार हैं जिन्होने फ्रेंच न्यू वेव सिनेमा की नींव रखी और जिसने पूरी दुनिया के फिल्मकारों पर असर डाला। गोदार इस पीढ़ी, इस युग, इस शैली के संभवत: आखिरी फिल्कार थे और उनके अवसान के साथ ही एक युग का अंत हो गया है। गोदार के जीवन और और कला संसार पर इस लेख के ज़रिए श्रद्धांजलि दे रही हैं जानी मानी लेखिका डॉ विजय शर्मा साहित्य व लेखन से तकरीबन 40 साल से जुड़ी हैं। उनकी लिखी तमाम बेहतरीन पुस्तकों में सिनेमा के लिहाज से ‘विश्व सिनेमा : कुछ अनमोल रत्न’, ‘स्त्री केंद्रित विश्व सिनेमा’ और होलोकास्ट सिनेमा पर लिखी उनकी पुस्तकें बेहद खास हैं। लेखन और रचनात्मक सामाजिक गतिविधियों में बेहद सक्रिय रहने वाली डॉ विजय शर्मा साहित्यिक संस्था ‘सृजन संवाद’ की संस्थापिका हैं।
फ़िल्म समीक्षक, स्क्रीनप्ले राइटर तथा प्रसिद्ध सिने-निर्देशक ज्याँ-लुक गोदार नहीं रहे। 3 दिसम्बर 1930 को जन्में गोदार की आज यानि 13 सितम्बर 2022 को मृत्यु हो गई। फ़्रांसीसी निर्देशकों में ज्याँ लुक गोदार का नाम बहुत ऊँचा है, अध्ययन-अध्यापन केलिए उनका प्रयोग किया जाता है। ‘ऑपरेशन कॉन्क्रीट’, ‘ऑल द ब्यॉज आर कॉल्ड पैट्रिक’, ‘शार्लट एंड हर ब्यॉफ़्रैंड’, ‘ए वूम इज ए वूमन’ आदि छोटी-बड़ी मिला कर करीब 131 फ़िल्में बनाई। ‘ब्रेथलेस’ उनकी सर्वाधिक प्रसिद्ध फ़िल्म है।
डॉक्टर पिता और बैंकर परिवार से आई माँ की संतान गोदार ने अपने विचारों को सीधे परदे तक पहुँचाया। द्वितीय विश्वयुद्ध काल में वे स्विटज़रलैंड के नागरिक रहे और वहीं स्कूल गए। मगर किशोर ज्याँ का जीवन आसान न रहा होगा जब उनके माता-पिता का 1948 में तलाक हो गया। अत: उन्हें पेरिस लौटना पड़ा जो एक तरह से अच्छा ही हुआ। उन्होंने डिग्री के लिए सोर्बोन में नृजाति विज्ञान की पढ़ाई की और फ़्राँस्वा त्रूफ़ो, एरिक रोमेर, जॉक रिवेट जैसे सिने-पागलों से उनकी दोस्ती हुई। गोदार ने कहा है, ‘सिनेमा एक सेकेंड में चौबीस बार सत्य है।’ यह कथन सिनेमा के प्रति उनके जुनून को दिखाता है।
इस दोस्ती का नतीजा हुआ 1950 में ‘गज़ट द सिनेमा’ पत्रिका की स्थापना जिसके पाँच अंक निकले। पत्रिका में गोदार अधिकतर हैन्स लुकास के छद्म नाम से लिख रहे थे और धूआँधार लिख रहे थे। चूँकि गोदार एक अमीर परिवार से आते थे उन्होंने अपने दोस्तों – जॉक रिवेट तथा एरिक रोमेर – की फ़िल्मों में काम किया साथ ही उन्हें आर्थिक सहायता भी दी। परिवार कितना भी धनी हो उसे लड़के का अपने दोस्तों पर रकम लुटाना (अभिभावकों की नजर में) कभी ठीक नहीं लगता है। गोदार के परिवार को भी यह अच्छा नहीं लगा नतीजन उनके परिवार ने उन्हें रकम देनी बंद कर दी। पर भला जीनियस कभी इन बातों की परवाह करते हैं!घर से पैसे मिलने बंद हुए तो लड़का बोहेमियन जिंदगी जीने लगा। भूख तो रोज लगती है तो जब जरूरत पड़ती है तो खाना-पैसा चोरी करने से भी आदमी को गुरेज नहीं होता है। गोदार ने भी जरूरत पड़ने पर यह सब किया। बाद में 1952 से सिने-समीक्षा लिखने लगे। वे ‘काइए न्यू सिनेमा’ में लिख रहे थे। जल्द ही पिता से पुन: संबंध बना और पिता-पुत्र उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका घूमने निकले साथ ही बेटा अपनी पहली फ़िल्म बनाने की कोशिश में लगा। इस फ़िल्म का खास कुछ न बना।ज्याँ लुक गोदार ने जिंदगी में बहुत पापड़ बेले। स्विटज़रलैंड में एक बाँध बन रहा था तो वहाँ कंस्ट्रक्शन वर्कर का काम किया और इस काम से जो पैसे मिले उससे एक साल बाद वहाँ से मिले अनुभवों पर 1954 में अपने जुनून के तहत एक लघु फ़िल्म ‘ऑपरेशन कॉन्क्रीट’ बनाई। जिंदगी कभी सम नहीं रहती है। एक साल बाद उनकी माँ का स्विटज़रलैंड में एक्सिडेंट हुआ और वे चल बसीं। फ़िर से वे ‘काइए न्यू सिनेमा’ (सिनेमा डायरी) में लिखने लगे। साथ ही वे ‘आर्ट्स’ में भी लिख रहे थे। जल्द ही उन्हें ‘आर्टिस्ट्स एसोसीज’ का प्रेस एटैचे का काम मिल गया।
1957 में उन्होंने अपनी पहली फ़्रैंच फ़िल्म ‘ऑल द ब्यॉज आर कॉल्ड पैट्रिक’ बनाई जल्द ही ‘शार्लोट एंड हर ब्यॉयफ़्रैंड’ तैयार थी। दोस्त त्रूफ़ो की बाढ़ फ़िल्म के बिना उपयोग हुए फ़ुटेज को संपादित किया और लो! फ़िल्म ‘ए स्टोरी ऑफ़ वाटर’ तैयार थी। बहुमुखी प्रतिभा के धनी गोदार दोस्तों के साथ मिल कर फ़िल्म बनाते हुए ‘फ़्रेंच न्यू वेव’ सिनेमा की स्थापना कर रहे थे, साथ गॉसिप कॉलम भी लिख रहे थे। तभी उन्होंने अपनी प्रसिद्ध फ़िल्म ‘ब्रेथलेस’ पर काम प्रारंभ किया। उसी साल 1960 में आना करीना से शादी की। अल्जीरिया युद्ध पर ‘ले पेटिट सोलडाट’ (द लिटिल सोल्जर) बनाई जिसे फ़्रांस के सेंसर ने रोक दिया जो बाद में 1963 में प्रदर्शित हो सकी। लेकिन ‘ब्रेथलेस’ को अपार सफ़लता मिली, सिने-दर्शक तथा सिने-समीक्षक सबने इसे सराहा। यह फ़िल्म ‘फ़्रेंच न्यू वेव’ का मील का पत्थर साबित हुई। फ़िल्म अध्ययन के लिए भी यह सदा प्रयोग की जाती है। इस फ़िल्म ने अभिनेता ज्यां-पॉल बेल्मोंडो की किस्मत भी चमका दी।कलर वाइडस्क्रीन का प्रयोग कर गोदार ने ‘ए वूमन इज ए वूमन’ बनाई, साथियों के साथ मिल कर ‘द सेवेन डेडली सिन्स’, ‘द वर्ल्ड’स मोस्ट ब्यूटीफ़ुल स्विंडलर्स’, ‘सेक्स इन पेरिस’ बनाई। ‘मेड इन यू.एस.ए’, ‘ला सिनोइस’ (द चाइनीज), ‘फ़ार फ़्रॉम वियतनाम’ (जिसकी शूटिंग के लिए उन्हें उत्तरी वियतनाम जाने से रोक दिया गया), ‘सी यू एट माओ’, ‘स्ट्रगल इन इटली’ आदि तमाम (करीब 131) फ़िल्में बनाईं। जिनमें से कई कभी या तो पूरी नहीं हुई अथवा विभिन्न कारणों से रिलीज नहीं हुईं। गोदार ने अपनी कई फ़िल्मों में आना केटरीन को भूमिका दी। महान फ़िल्म निर्देशकों की सूची में शामिल गोदार ने सेना में भी अपनी सेवा दी। ‘मरने से पहले इन फ़िल्मों को अवश्य देखें’ की फ़िल्म सूची में गोदार की कई फ़िल्मों के नाम शामिल हैं। गीतों में उनका नाम आता है। उन्होंने अपनी दोस्त एग्नेस वर्दा की फ़िल्म ‘क्लेओ फ़्रॉम 5 टू 7’ में काम भी किया। ‘मुझे नहीं लगता है कि मूवी को अनुभव करना चाहिए। आपको एक औरत को अनुभव करना चाहिए। आप मूवी का चुंबन नहीं ले सकते हैं’ कहने वाले ज्यॉ लुक गोदार के साथ सिनेमा के एक युग का अंत हुआ।