95वां ऑस्कर: अनाथ हाथी, पुतिन के प्रतिद्वंद्वी से लेकर मल्टीवर्स तक फैला कंटेंट

एशिया और भारत के लिए इस बार के ऑस्कर में कुछ और भी खास बातें रहीं। जैसे कि बेस्ट एक्स्ट्रेस की कैटेगरी में पहली बार किसी एशियन अभिनेत्री (मिशेल यो, मलेशिया, EEAAO के लिए) ने ऑस्कर जीता। वहीं ‘नाटू नाटू’ को मिला बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग का अवॉर्ड भी पहली बार किसी भारतीय प्रोडक्शन के लिए मिला इस कैटेगरी का अवॉर्ड है। बेस्ट डॉक्यूमेंट्री के तौर पर भी पहली बार किसी भारतीय डॉक्यूमेंट्री फिल्म को ये अवॉर्ड मिला है।

दुनिया के पर्दे पर ‘दोस्तजी’

‘दोस्तजी’  17 मार्च, 2023 को अमेरिका के 26 राज्यों के 75 शहर, कनाडा के 17 शहर, आस्ट्रेलिया के 10 शहर के अलावा न्यूजीलैंड और संयुक्त अरब अमीरात के दुबई, अबू धाबी, शारजाह और करीब साढ़े पांच लाख की आबादी वाले अजमन‌ सिटी में भी एक साथ  रिलीज होने जा रही है।

सतीश कौशिक: भारतीय सिनेमा के नायाब कॉमेडियन, लेखक, निर्देशक और प्रोड्यूसर

फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ में सतीश कौशिक द्वारा निभाए गए “कैलेंडर” के किरदार के लोग आज भी मुरीद हैं। एक रसोइया के किरदार को उन्होंने सिल्वर स्क्रीन पर इस तरह से पेश किया था कि वह बच्चों के बीच उनके सबसे चहेते अदाकार के रूप में स्थापित हो गया था।

‘Well, there goes that dream’: बैंशीज़ ऑफ इनिशेरिन का ‘लेक सीन’

आयरिश मूल के कियॉन का बचपन 7 सालों तक 13 अलग अलग अनाथालय में बीता। एक्टिंग का पहला मौका उन्हे तब मिला जब एक दुकान में लगा ऐड देखकर उन्होने अप्लाई किया। जिसमें उन्हे कुछ नहीं दिया गया, ना ही कुछ हासिल होना था…लेकिन आज 30 साल की उम्र में वो ऑस्कर की रेस में हैं।

धरती को आकाश पुकारे: शरद दत्त का महाप्रयाण

प्रसिद्ध शायर-गीतकार साहिर लुधियानवी पर उन्होंने दो माह पूर्व ही पुस्तक लेखन का कार्य सम्पन्न किया था। इस बारे में बात करते हुए उन्होंने मुझे कहा था कि साहिर पर पुस्तक पूरी हो गयी है और मुझे अपने भीतर जिस संतुष्टि की अनुभूति हो रही है उससे मैं बड़ा आनन्दित हूँ। एक लेखक जब अपनी किसी कृति को लेकर इस प्रकार सन्तोष का अनुभव कर रहा हो तो उसके इस कार्य की गुणवत्ता को सहज ही समझा जा सकता है। शरद दत्त के निधन के पश्चात् यह पुस्तक प्रकाशित होगी इसका भान तब किसे था?

ऑस्कर 2023: विश्व सिनेमा की पांच महत्वपूर्ण फिल्में

सुखद आश्चर्य है कि हमेशा की तरह इस बार प्रतिष्ठित 75 वें कान फिल्म समारोह के ऑफिशियल सेलेक्शन में दिखाई गई फिल्मों को एकेडमी अवॉर्ड की 16 श्रेणियों में कुल 21 नॉमिनेशन मिले हैं। इसमें बेस्ट इंटरनेशनल फिल्म से लेकर मुख्य प्रतियोगिताओं की कई श्रेणियां शामिल हैं।

हीरो, हीरोइन… और प्राण

पर्दे पर प्राण की असरदार मौजूदगी की वजह से ही फिल्मों के पोस्टर पर हीरो, हीरोइन के साथ उनके नाम का अलग से ज़िक्र ज़रुर होता था जो हिंदी में ‘…और प्राण’ या अंग्रेज़ी में ‘…and Pran’ के तौर पर लिखा होता। #Pran

भारतीय फिल्मों में त्रयी परंपरा और बुद्धदेब बाबू

कवि, प्रोफेसर और फिल्मकार, बुद्धदेव दासगुप्ता समकालीन भारत की सबसे अहम सिनेमाई आवाजों में से थे। उनके पास कल्पना थी, एक कवि की गीतात्मकता थी और इसे सिनेमा में बदलने का हुनर था।

पठान: राष्ट्रवाद के टेंपलेट वाला एक ‘छद्म सिनेमा’

सिनेमा अगर केवल तकनीकी फार्मूलों वाली वीडियो गेमिंग व डिब्बाबंद फूड का रूप ग्रहण कर ले, मनोरंजन को तकनीक की ‘अनरियल’ धमाचौकड़ी में बदल डाले तो समाज को उसका उपभोक्ता बनने से पहले सोचना चाहिए, न कि आठ सौ करोड़ का बिजनेस थमा देना चाहिए।

वाणी जयराम : थम गईं पांच दशकों की एक प्यारी-सी आवाज़

दक्षिण भारत के सुरीले संगीत की मिठास को अपनी आवाज़ के ज़रिए हिंदी सिनेमा संगीत में पहुंचाने वाली संभवत: पहली गायिका थीं वाणी जयराम।