दृश्यम 2: कहानी में किरदार की तरह मौजूद ‘सिनेमा’
दृश्यम 2 में लेखक-निर्देशक जीतू जोसेफ़ ने खुद सिनेमा को ही कथानक का एक अहम हिस्सा बना दिया है ।
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दृश्यम 2 में लेखक-निर्देशक जीतू जोसेफ़ ने खुद सिनेमा को ही कथानक का एक अहम हिस्सा बना दिया है ।
सिनेमा के पर्दे पर गुरुदत्त ने बहुत कम समय में जो कुछ रचा वो मील का पत्थर है।
चेतन आनंद एक बेहतरीन फ़िल्मकार होने के साथ साथ बेहद ज़हीन और नफ़ीस इनसान थे। 1946 में उनकी बनाई पहली ही फ़िल्म ‘नीचा नगर’ को फ्रांस के पहले कान फ़िल्म फेस्टिवल में ‘पाम डी ओर’ सम्मान से नवाज़ा गया था।
The tagline of DDLJ (1995) was ‘Come…fall in love’ and after 14 years the tagline of Dev D (2009) was- ‘Come…fall in lust’.How the romance and its depiction has completely changed in Hindi movie...
Farmers have constantly been disappearing from hindi cinema, esp. after 1990’s. Excepts the very few films like ‘Peepli Live’, ‘Kadvi Hawa’ we hardly have any film addressing the plight of farmers and farming. tune...
A problem is a chance for you to do your best. – Duke Ellington The global corona virus pandemic has set new challenges before creative world to deliver stories… While filmmakers are finding ways...
सिनेमा का यही मज़ा है और यही विस्मय और विडम्बना भी की एक छोर पर बाहुबली और बजरंगी भाईजान हैं तो दूसरी तरफ मसान.
महज़ 51 साल की उम्र मिली संगीतकार मदन मोहन को जीने के लिए, लेकिन जो संगीत वो रच गए वो कालजयी है। आज भी उनमें उतनी ही गहराई है, उतनी ही खूबसूरती है। उनके...
फ़िल्मी संगीत के इतिहास में मदन मोहन के अलावा रोशन एक ऐसे विरल प्रतिभाशाली संगीतकार हैं जिन्हें कम समय मिला जीने के लिए लेकिन उन्होंने कालजयी संगीत रच कर एक ऐसा मुकाम बनाया है अपने लिए जिसे हासिल करना किसी भी संगीतकार का सपना हो सकता है।
साहब बीबी और गुलाम सिनेमाघरों में रिलीज़ हो चुकी थी और उधर गुरुदत्त ने फिल्म का अंत बदलने के लिए दोबारा शूटिंग की तैयारी शुरु कर दी थी…