दुनिया के पर्दे पर ‘दोस्तजी’
बांग्ला फिल्म ‘दोस्तजी’ ने बॉक्स ऑफिस से लेकर फेस्टिवल्स और अवॉर्ड समारोहों तक जिस तरह से सिनेमा माध्यम की मूल आत्मा को जीवन दिया है वो कई लिहाज़ से एक मिसाल है। इस फिल्म के सिर सज रहे सेहरों की सबसे ताज़ा कड़ी है बांग्ला फिल्मफेयर अवॉर्ड, जिसमें इसे 10 नामांकन हासिल हुए थे और सबसे प्रमुख 4 अवॉर्ड इसने हासिल किए। इसके अलावा अब ये फिल्म पूरी दुनिया में रिलीज होने जा रही है, जिसकी वजह से अब ये अगले साल के ऑस्कर के लिए खुद ब खुद क्वालीफाई कर जाएगी। यानी भारतीय फिल्म होने के बावजूद इसे भारत सरकार की ओर से चयनित या नामांकित किए जाने की ज़रुरत नहीं रह जाएगी। फिल्म ‘दोस्तजी’ के बनने की कहानी अपने आप में एक प्रेरक दास्तान है। इसके बनने और बनने के बाद की कामयाबियों की दास्तान पर विस्तार से बता रहे हैं कोलकाता से वरिष्ठ पत्रकार व लेखक जयनारायण प्रसाद। कला-संस्कृति-सिनेमा में विशेष रुचि रखने वाले जयनारायण प्रसाद इंडियन एक्सप्रेस समूह के अखबार जनसत्ता कलकत्ता से लगभग तीन दशकों तक जुड़े रहे हैं। सिनेमा पर उन्होने व्यापक रुप से गंभीर और तथ्यपरक लेखन किया है। गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी, गायक मन्ना डे, फिल्मकार श्याम बेनेगल, अभिनेता शम्मी कपूर से लेकर अमोल पालेकर, नसीरुद्दीन शाह और शबाना आज़मी तक से बातचीत उल्लेखनीय। जयनारायण प्रसाद ने जाने माने फिल्मकार गौतम घोष की राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त बांग्ला फिल्म ‘शंखचिल’ में अभिनय भी किया है।
‘कमाल करना’ इसी को कहते हैं !
हिंदू-मुस्लिम सद्भाव और भाईचारे का संदेश देने वाली बांग्ला मूवी ‘दोस्तजी’ (टू फ्रेंड्स) अब वैश्विक स्तर पर धूम मचाने जा रही है। अमेरिका, कनाडा, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी, कतर, शारजाह और अजमन शहर में एक ही दिन 17 मार्च, 2023 को यह बांग्ला फिल्म रिलीज होगी। इतनी बड़ी रिलीज और इस फिल्म की कहानी के आधार पर ‘दोस्तजी’ वर्ष 2024 के 96वें एकेडेमी ऑफ मोशन पिक्चर्स पुरस्कार यानी ऑस्कर की मुख्य प्रतियोगिता श्रेणी (मेन सेक्शन) के लिए अपने आप क्वालिफाई कर गई है।
इस फिल्म के निर्देशक प्रसून चटर्जी के मुताबिक, ‘दोस्तजी’ 17 मार्च, 2023 को अमेरिका के 26 राज्यों के 75 शहर, कनाडा के 17 शहर, आस्ट्रेलिया के 10 शहर के अलावा न्यूजीलैंड और संयुक्त अरब अमीरात के दुबई, अबू धाबी, शारजाह और करीब साढ़े पांच लाख की आबादी वाले अजमन सिटी में भी एक ही दिन 17 मार्च को रिलीज होने जा रही है। निर्देशक प्रसून चटर्जी रिलीज के दिन 17 मार्च को खुद भी अमेरिका में रहेंगे। वे ग्यारह मार्च की सुबह अमेरिका के लिए कोलकाता से रवाना भी हो गए हैं।
वर्ष 2024 के 96वीं ऑस्कर प्रतियोगिता के लिए क्वालिफाई करना भारत और बंगाल दोनों के लिए फख्र की बात मानी जा रही है।
इससे ठीक पहले 10 मार्च (2023) की रात कोलकाता में उनकी इस बांग्ला फिल्म ‘दोस्तजी’ को चार फिल्मफेयर अवार्डस से नवाजा गया है। सर्वश्रेष्ठ फिल्म, सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, सर्वश्रेष्ठ छायांकन और सर्वश्रेष्ठ पटकथा। इसी के साथ यह फिल्म वर्ष 2024 की ऑस्कर प्रतियोगिता के लिए भी क्वालिफाई करने की स्पर्धा में शामिल हो गई है।
पिछले साल 11 नवंबर को यह फिल्म ‘दोस्तजी’ कोलकाता में रिलीज हुई थीं। बंगाल में यह फिल्म धुआंधार चली है। अब यह विदेश की ओर रुख कर रही है। अभी तक इस मूवी ‘दोस्तजी’ को आठ अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं और 26 देशों के फिल्म महोत्सवों में यह दिखाई व सराही जा चुकी है।
अमिताभ बच्चन तक ने अपने टिवटर हैंडल पर फिल्म ‘दोस्तजी’ की खूब तारीफ की है।
110 मिनट की फिल्म ‘दोस्तजी’ दो बच्चों की कहानी कहती है। एक हिंदू बच्चा है, तो दूसरा मुस्लिम। पूरी फिल्म वर्ष 1992 में हुए बाबरी मस्जिद विध्वंस और वर्ष 1993 में हुए बंबई बम धमाके के परिप्रेक्ष्य में चलती है। ‘दोस्तजी’ असल में भारत-बांग्लादेश सरहद की कहानी है।
मुस्लिम बच्चा (आरिफ शेख) के बहाने यह फिल्म भाईचारे की कहानी सुनाती है। इस बांग्ला फिल्म को देखकर अनायास ही सत्यजित राय की मास्टरपीस मूवी ‘पथेर पांचाली’ (1955) की याद आती है। राय मोशाय की ‘पथेर पांचाली’ में ‘कास फूल’ और प्रकृति की मोहक छटा है ठीक वैसे ही दृश्य ‘दोस्तजी’ में भी है। हरियाली और ‘कास फूल’ फिल्म ‘दोस्तजी’ की सबसे बड़ी खूबी है। मुस्लिम बच्चा (फिल्मी नाम सफीकुल) की भूमिका में आरिफ शेख ने शानदार रोल निभाया है, तो हिन्दू बच्चे पलाश के रोल में आशिक शेख भी सबका मन मोह लेते हैं।
निर्देशक प्रसून चटर्जी बताते हैं – ‘मेरे लिए यह गर्व का पल है। मैं सोच भी नहीं सकता था कि एक दिन मेरी फिल्म ‘दोस्तजी’ विदेशों में भाईचारे का मैसेज देने जाएगी।’
इस बांग्ला फिल्म ‘दोस्तजी’ का छायांकन और साउंड डिजाइन अद्भुत है। संपादन भी लाजवाब है। छायांकन तुहिन विश्वास ने किया है, जो बंगाल में एक प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक हैं। तुहिन ने यूट्यूब देख-देख कर छायांकन करना सीखा और आखिर में इस फिल्म की ऐसी फोटोग्राफी की कि अब यह बांग्ला फिल्म विदेशों में धूम मचाने जा रही है। और साउंड डिजाइन का काम डायरेक्टर प्रसून चटर्जी ने खुद किया है। इस फिल्म का संपादन दो लोगों ने मिलकर किया है। एक हैं संजय दत्त राय और दूसरे हैं शांतनु मुखोपाध्याय। इन दोनों के काम को भी सलाम करने की इच्छा होती है।
इस फिल्म की पूरी शूटिंग भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित मुर्शिदाबाद जिले के डोमकल अंचल में हुई है। वर्ष 2017 में इस मूवी की शूटिंग शुरू हुई थीं और बनते-बनते साढ़े चार साल लग गए। फिर, संपादन का काम हुआ। उसके बाद रिलीज।
महानगर कोलकाता से मुर्शिदाबाद की दूरी लगभग साढ़े तीन घंटे की है, जहां प्राथमिक विद्यालय और मदरसों की तादाद 50 से ऊपर है। इन्हीं मदरसों के बीच से आरिफ शेख और आशिक शेख को चुना गया। प्रसून चटर्जी दुख के साथ बताते हैं – ‘ये दोनों बच्चे अमेरिका नहीं जा पाएंगे, क्योंकि इनका पासपोर्ट नहीं है।’
निर्देशक प्रसून चटर्जी की उपस्थिति में अमेरिका में ‘दोस्तजी’ (टू फ्रेंड्स) आगामी 17 मार्च को रिलीज होगी। ग्लोबल रिलीज़ और ऑस्कर के लिए क्वालीफाई करना एक पहलू है लेकिन जिस तरह अपने कथ्य और शैली के आधार पर इस फिल्म को दुनिया भर में रिसीव किया जा रहा है वह रे और घटक की परंपरा को पुनर्जीवित करने के साथ साथ भारतीय सिनेमा के भविष्य के प्रति निस्संदेह आश्वस्त करती है।