अरब डायरी 2024 (2): आमिर के जैसा दूसरा कोई नहीं – करीना कपूर
सऊदी अरब के जेद्दा में 5 से 14 दिसंबर तक चौथे ‘रेड सी इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल’ का आयोजन हो रहा है। ईजिप्ट के एल गुना फेस्टिवल की तरह रेड सी फिल्म फेस्टिवल भी अरब वर्ल्ड की बेहतरीन फिल्मों को देखने-जानने का एक बड़ा मंच बन चुका है। इस फेस्टिवल में हर साल दिग्गज भारतीय फिल्मी हस्तियों के साथ-साथ हॉलीवुड और दूसरे देशों की फिल्मी हस्तियां भी शामिल होती रही हैं। फेस्टिवल के पहले ही दिन भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज स्टार आमिर ख़ान को सम्मानित किया गया। तो अगले दिन बॉलीवुड अभिनेत्री करीना कपूर ने दर्शकों से संवाद किया। जे पी दत्ता की फिल्म से शुरुआत करने वाली करीना कपूर का फिल्म करियर इस लिहाज़ से काफी दिलचस्प है कि एक ओर उन्होने जहां मेनस्ट्रीम कमर्शियल सिनेमा में बड़े बड़े नामचीन निर्देशकों के साथ फिल्में कीं, वहीं मुख्य़धारा से इतर अलग तरह का और थोड़ा गंभीर सिनेमा बनाने वाले निर्देशकों के साथ भी काम किया, वो चाहें गोविंद निहलानी हों, सुधीर मिश्रा हों, विशाल भारद्वाज हों, हंसल मेहता हों, इम्तियाज़ अली हों , राजकुमार हिरानी हों या फिर अभिषेक चौबे। ये सुनना दिलचस्प है कि अपनी इस अभिनय यात्रा के बारे में खुद करीना क्या सोचती हैं। करीना कपूर के साथ इस दिलचस्प संवाद पर एक विशेष आलेख भेजा है जाने माने फिल्म समीक्षक और लेखक अजित राय ने, जो सऊदी अरब के इस फेस्टिवल में विशेष आमंत्रण पर शामिल होने पहुंचे हैं।
भारतीय अभिनेत्री करीना कपूर ने कहा है कि उनके लिए सबसे बड़े फिल्म स्टार आमिर खान है। उनके जैसा दूसरा कोई नहीं है।आमिर खान अकेले ऐसे अभिनेता और फिल्मकार हैं जिन्होंने हिंदी सिनेमा को विश्व स्तर पर नई पहचान दिलाई है। करीना कपूर ने कहा कि आमिर खान से बड़ा फिल्म स्टार इस समय कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि वे आज भी आमिर खान से बहुत कुछ सीखती हैं। करीना कपूर यहां सऊदी अरब के जेद्दा में आयोजित चौथे रेड सी अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में दर्शकों से संवाद कार्यक्रम में बोल रहीं थीं। उन्होंने जे पी दत्ता की ‘ रिफ्यूजी ‘(2000) से रोहित शेट्टी की ‘ सिंघम अगेन ‘ तक के अपने पच्चीस सालों की अभिनय यात्रा पर खुलकर बातें की।उनको सुनने के लिए जेद्दा के कल्चर स्क्वायर के विशाल सभागार में अरब, पाकिस्तान, भारत और दुनिया भर के देशों से बड़ी संख्या में उनके प्रशंसक आए हुए थे।
करीना कपूर ने कहा कि उन्हें इस बात का अहसास हैं कि अरब देशों मे उनके लाखों प्रशंसक हैं और वे उन सबके प्रति कृतज्ञ हैं। वे दूसरी बार रेड सी अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में जेद्दा आई है।उन्हें हमेशा यह अहसास रहता है कि वे भारतीय सिनेमा के महान कलाकार राज कपूर की पोती है और एक महान परंपरा की वारिस हैं। इसलिए वे वैसा कुछ भी नहीं कर सकती जिससे उनकी पारिवारिक परम्परा पर आंच आए।
उन्होंने आमिर खान की तारीफ करते हुए आगे कहा कि उन्होंने अब तक जितने अभिनेताओं के साथ काम किया है उनमें आमिर खान बेस्ट को -स्टार रहे हैं। उन्होंने आमिर खान के साथ ‘ थ्री इडियट ‘, ‘ लाल सिंह चड्ढा ‘ और ‘ तलाश ‘ जैसी फिल्मों में साथ साथ काम करने की यादें साझा करते हुए कहा कि उनके लिए ‘ तलाश ‘ फिल्म सबसे खास थी। मुझे आमिर खान की ‘ गजनी ‘ और ‘ दिल चाहता है ‘ जैसी फिल्में बहुत पसंद हैं।
उन्होंने कहा कि आज का सिनेमा बहुत बदल गया है और एक कलाकार को एक साथ कई तरह की भूमिका निभानी पड़ती है। पहले की तरह कलाकार किसी एक छवि से बंधकर नहीं रह सकता। कभी रोमांटिक तो कभी एक्शन वाली भूमिकाएं निभानी पड़ती है। रोहित शेट्टी के साथ ‘ सिंघम अगेन ‘ जैसी बड़े बजट की मल्टीस्टारर एक्शन फिल्म में भी काम करना पड़ता है तो हंसल मेहता के साथ ‘बकिंघम मर्डर’ में और अभिषेक चौबे के साथ ‘उड़ता पंजाब’ में भी। उन्होंने कहा कि रोहित शेट्टी जैसे कमर्शियल निर्देशक तो महत्वपूर्ण है हीं पर इम्तियाज अली, हंसल मेहता, अनुराग कश्यप, गोविंद निहलानी और सुधीर मिश्रा जैसे निर्देशक भी कम महत्वपूर्ण नहीं है।
इम्तियाज अली की फिल्म ‘जब वी मेट’ में गीत ढिल्लों का किरदार तो कल्ट बन गया। मेरा कोई इंटरव्यू उसके बिना पूरा नहीं होता। यह फिल्म मेरे लिए मील का पत्थर साबित हुई। जब फिल्म आई थी तो हर लड़की गीत ढिल्लों के किरदार में खुद को देखती थी। यदि आप पूछें कि कौन सा किरदार मुझे सबसे ज्यादा पसंद है तो मैं कहूंगी कि ‘जब वी मेट’ की गीत ढिल्लों। इम्तियाज अली ने जिस खूबसूरती से ‘अमर सिंह चमकीला’ बनाई, वह बेजोड़ है। सुधीर मिश्रा की ‘चमेली’ में काम करके मुझे काफी रचनात्मक ऊर्जा मिली। अभिषेक चौबे की ‘उड़ता पंजाब’ में डाक्टरनी की भूमिका थोड़ी अलग तरह की थी। दिलजीत दोसांझ की वह पहली हिंदी फिल्म थी। जब मैंने जे पी दत्ता की ‘रिफ्यूजी’ से अपने करियर की शुरुआत की थी तो मैं महज बीस साल की थी। तब कहां पता था कि धीरे-धीरे इन पच्चीस सालों में इतना कुछ कर जाएंगे। मैं गोविंद निहलानी की ‘देव’ को भी याद करना चाहूंगी जो बिल्कुल अलग थी। मैं करण जौहर की भी आभारी हूं जिन्होंने मुझे ‘कभी खुशी कभी ग़म’ में अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान और हृतिक रोशन जैसे बड़े कलाकारों के साथ काम करने का मौका दिया। वे ईश्वरीय प्रतिभा के धनी हैं। इसी तरह विशाल भारद्वाज की ‘ओंमकारा’ में काम करना एक अलग रचनात्मक अनुभव था।
करीना कपूर ने कहा कि उन्होंने अपनी बड़ी बहन करिश्मा कपूर से बहुत कुछ सीखा है और आज भी सीखती हैं। उन्होंने कहा कि वे श्रीदेवी, काजोल और माधुरी दीक्षित की फिल्मों से बहुत प्रभावित रहीं हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सास शर्मिला टैगोर एक महान अभिनेत्री हैं जिनसे उन्हें काफी प्रेरणा मिलती है। उनकी तुलना में तो वे अभी कुछ भी नहीं कर पाई है।
उन्होंने कहा कि भारत और सऊदी अरब में वैसे तो कई समानताएं हैं पर एक समानता सबसे महत्वपूर्ण है और वह है परिवार को महत्व देना। जीवन में सबसे शक्तिशाली और पवित्र परिवार ही है। उन्होंने कहा कि उन्हें मां बनने पर सबसे अधिक खुशी हुई थी। एक औरत के लिए मां बनने की खुशी सबसे बड़ी है। उन्हें बेबो नाम बड़े प्यार से उनके माता-पिता (बबीता और रणधीर कपूर) ने दिया था। जब कोई मुझे इस नाम से पुकारता है तो अच्छा लगता है। मेरे लिए परिवार ही सबकुछ है। मैं पहले अपने दोनों बच्चों की मां हूं बाद में अभिनेत्री। एक साथ मां और अभिनेत्री दोनों होना काफी दिलचस्प है।
उन्होंने अपने पति सैफ अली खान के बारे में कहा कि सैफ उन्हें काफी सपोर्ट करते हैं। समय-समय पर सलाह भी देते हैं। मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे सैफ अली खान मिले। हम खूब चर्चा करते हैं और कभी-कभी असहमत भी होते हैं। हमें कई बार असहमति का भी आनंद उठाना चाहिए। मुझे बहुत अच्छा लगेगा यदि सैफ अली खान के साथ किसी फिल्म में काम करने को मिले।