ऑस्कर 2023: विश्व सिनेमा की पांच महत्वपूर्ण फिल्में

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Ajit Rai

अजित राय, प्रस्तुत कर रहे हैं 95वें ऑस्कर के लिए नामांकित हुई बेस्ट फीचर फिल्म इंटरनेशनल कैटेगरी की 5 फिल्में और उनकी विषयवस्तु के बारे में विशेष जानकारी। अजित राय वरिष्ठ पत्रकार-फिल्म समीक्षक हैं जो दुनिया भर में घूमकर अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल कवर करते रहे हैं। उद्योगपति हिंदुजा बंधुओं के बॉलीवुड कनेक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन के ज़रिए भारतीय फिल्मों को अंतरराष्ट्रीय फलक तक ले जाने के उनके योगदान पर अजित राय ने पिछले साल एक पुस्तक Hindujas And Bollywood लिखी थी, जो खासी चर्चित रही है।

इस बार 95वें एकेडमी अवार्ड के लिए बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म कैटेगरी में पांच फिल्में शार्टलिस्ट होकर फाइनल राउंड के लिए नामांकित हुई हैं जिनके बीच मुकाबला होगा। ये फिल्में हैं-   बेल्जियम के लूकस डॉन्ट की’ क्लोज़’,  पोलैंड के जेर्ज़ी स्कोलीमोवस्की की ‘ईओ’,  आयरलैंड के कोम बेयरीड की ‘द क्वाएट गर्ल’, जर्मनी के एडवर्ड बर्गर की ‘ऑल क्वाएट ऑन द वेस्टर्न फ्रंट’ और अर्जेंटीना के सेंटियागो मित्रे की ‘अर्जेंटीना 1985’। 

अमेरिका के लॉस एंजेलिस शहर, (जहां के फिल्म उद्योग को हॉलीवुड भी कहा जाता है), के भव्य डॉल्बी थियेटर में 12 मार्च 2023 की शाम 95 वें आस्कर अवार्ड प्रदान किए जाएंगे। सुखद आश्चर्य है कि हमेशा की तरह इस बार प्रतिष्ठित 75 वें कान फिल्म समारोह के ऑफिशियल सेलेक्शन में दिखाई गई फिल्मों में से 16 श्रेणियों में कुल 21 नॉमिनेशन मिले हैं। इसमें बेस्ट इंटरनेशनल फिल्म से लेकर मुख्य प्रतियोगिताओं की कई श्रेणियां शामिल हैं। इतना ही नहीं, इस श्रेणी में दुनिया के पचासों देशों से ऑस्कर के लिए भेजी गई अधिकृत फिल्में भी कान फिल्म समारोह में दिखाई गई फिल्में हैं। इससे प्रमाणित होता है कि विश्व के व्यावसायिक और कला फिल्म उद्योग में कान फिल्म समारोह का दबदबा बरकरार है।

      ‘बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म’ की श्रेणी में नामांकित इन पांच फिल्मों में सबसे दिलचस्प और हैरतअंगेज फिल्म है पोलैंड के जेर्ज़ी स्कोलीमोवस्की की ‘ईओ’ जिसके नायक इंसान नहीं चार गधे (डंकी) है जो मनुष्य की पाशविक क्रूरता का डटकर मुकाबला करते हैं और अंततः जीतते हैं। ये गधे अपनी तरह से इंसानों की दुनिया में विचरण करते हुए जिंदगी का अर्थ खोजते हैं। निर्देशक ने जिस कुशलता से कहानी और फिल्मांकन पर काम किया है वह तारीफ के काबिल है। इस फिल्म को भी 75वें कान फिल्म समारोह (2022)  में जूरी प्राइज़ से नवाजा जा चुका है। निर्देशक जेर्ज़ी स्कोलीमोवस्की ने अपने सभी पुरस्कार इन चारों गदहों को समर्पित किए हैं।

         बेल्जियम के लुकास डॉन्ट की फिल्म ‘क्लोज़’   12-13 साल के दो किशोरों लेवो और रेमी की सघन दोस्ती, अलगाव और स्मृतियों की कहानियां है जो बच्चों की अपनी दुनिया में हमें दूर तक ले जाती हैं। बच्चों के मनोविज्ञान पर बहुत गहराई से विचार किया गया है। इस फिल्म में एक दोस्त की असमय मृत्यु के बाद दूसरा दोस्त भयानक अपराध बोध से ग्रस्त हो जाता है और इसकी गुत्थी धीरे-धीरे खुलती है। इस फिल्म को कान फिल्म समारोह (2022)  का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण पुरस्कार ‘ग्रां प्री’ मिल चुका है।

     आयरलैंड के कोम बेयरीड की ‘द क्वाएट गर्ल’ क्लेयर कीगन की सुप्रसिद्ध लघु कथा ‘फोस्टर’ पर आधारित है जिसमें एक नौ साल की शांत और चुप रहनेवाली लड़की केट अपने तरीके से दुनिया को अनुभव करती है। उसकी मां जब दूसरी बार गर्भवती होती है तो 1981 की गर्मियों में उसे घर से बहुत दूर अपने दूर के रिश्तेदार के पास रहने के लिए भेज दिया जाता है। वहां उसे पहली बार घर जैसी चीज की सुखद अनुभूति होती है। उसके चचेरे भाई-बहन उसे प्यार से घर और खेतों की देखभाल करना सिखाते है। यह फिल्म एक बिखरे परिवार में भयंकर कलह और लापरवाही के बीच एक बच्ची के आंतरिक संघर्ष की कहानी है। यह फिल्म आयरलैंड में पहले से ही बॉक्स ऑफिस पर सफलता के कीर्तिमान स्थापित कर चुकी हैं।

        ‌ जर्मनी के एडवर्ड बर्गर की ‘ऑल क्वाएट आन द वेस्टर्न फ्रंट’ प्रथम विश्व युद्ध में एक जर्मन सैनिक की सच्ची आत्म स्वीकृतियां है। यह फिल्म इसी नाम से 1929 में प्रकाशित एरिक मारिया रेमार्क के विश्वप्रसिद्ध उपन्यास पर आधारित है, जिसे हिटलर के समय में प्रतिबंधित कर दिया गया था और नाजी फौज ने चौराहों पर इसकी होली जलाई थी। फिल्म का नायक पाउल प्रथम विश्व युद्ध के खत्म होने के बाद युद्ध में जर्मन सैनिकों की दिशाहीनता का वर्णन करता है। दिल दहलाने वाली कहानी और वृत्तांत में युद्ध की निरर्थकता पर काफी प्रकाश डाला गया है।

     अर्जेंटीना के सेंटियागो मित्रे की ‘अर्जेंटीना 1985’  इतिहास की उन सच्ची घटनाओं पर आधारित है जब 1976-1983 के बीच आखिरी सैनिक तानाशाही ने नागरिकों का बर्बर नरसंहार किया था। सैनिक तानाशाही के खात्मे के दो साल बाद 1985 में एक साधारण और अकुशल युवा वकील जूलियो सेजार स्ट्रासेरा और उसकी अनुभवहीन लीगल टीम ने सैनिक तानाशाहों को सजा दिलवाई थी। इस फिल्म को पिछले साल 79वें वेनिस अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में फिप्रेस्की (FIPRESCI) का पुरस्कार और इसी 10 जनवरी को  विदेशी भाषा की बेस्ट फिल्म का गोल्डन ग्लोब पुरस्कार मिल चुका है।

         इस बार 95 वें एकेडमी अवार्ड के बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म श्रेणी में नामांकित ये पांचों फिल्में अपनी सशक्त पटकथा, जीवन के अनछुए प्रसंगों और अद्भुत सिनेमाई सौंदर्यबोध के कारण पहले से ही दुनिया भर में पुरस्कृत, प्रशंसित और बॉक्स आफिस पर सुपरहिट हो चुकी है।

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