कान 2025 (1): ट्रम्प के सिनेमा टैरिफ के विरोध के साथ शुरू हुआ 78 वां कान फेस्टिवल



फ्रांस में 78वां कान फिल्म समारोह शुरू हो चुका है। भारत के वरिष्ठ फिल्म समीक्षक अजित राय इस साल भी कान पहुंचे हुए हैं। इस बार कान फिल्म फेस्टिवल में मसान वाले नीरेज घेवान द्वारा निर्देशित फिल्म ‘होमबाउंड’ शामिल हो रही है। जान्हवी कपूर और ईशान खट्टर अभिनीत ये फिल्म अनसर्टेन रिगार्ड सेक्शन का हिस्सा है। अनसर्टेन रिगार्ड खंड प्रतियोगिता खंड से अलग एक सेगमेंट है। इसे 1998 में युवा प्रतिभाओं को पहचान देने और प्रोत्साहित करने के मकसद से शुरु किया गया था, ताकि सिनेमा में नए और साहसिक कामों को बढ़ावा दिया जा सके। इस खंड में चुनी गई सर्वश्रेष्ठ फिल्म को फ्रांस में डिस्ट्रीब्यूट और प्रदर्शित करने के लिए ग्रांट प्रदान किया जाता है। इसके अलावा महान फिल्मकार सत्यजित राय की 1970 की क्लासिक फिल्म ‘अरण्येर दिन रात्रि’ का उसके restored प्रिंट के साथ प्रदर्शन होगा जिसके लिए अभिनेत्री शर्मिला टैगोर भी कान पहुंची हैं। अजित राय वरिष्ठ पत्रकार-फिल्म समीक्षकहैं जो दुनिया भर में घूमकर अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल कवर करते रहे हैं। उद्योगपति हिंदुजा बंधुओं के बॉलीवुड कनेक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन के ज़रिए भारतीय फिल्मों को अंतरराष्ट्रीय फलक तक ले जाने के उनके योगदान पर अजित राय ने पिछले साल एक पुस्तक Hindujas And Bollywood लिखी थी, जो खासी चर्चित रही है। प्रस्तुत है कान से भेजी उनकी पहली रिपोर्ट।

हॉलीवुड के दिग्गज फिल्मकार क्वेंटिन टैरेंटिनों ने दुनिया भर से आई फिल्मी हस्तियों की उपस्थिति में ग्रैंड थियेटर लूमिएर में 78 वें कान फिल्म समारोह का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि उन्हें गर्व है कि वे 78 वें कान फिल्म समारोह के शुभारंभ की घोषणा कर रहे हैं।
समारोह की शुरुआत फ्रांस की युवा फिल्मकार एमिली बोनिन की फिल्म ‘पार्टीर अन जूर’ (लीव वन डे) के प्रदर्शन से हुई।
इससे पहले लियोनार्डो डिकैप्रियो ने मशहूर हॉलीवुड सुपरस्टार रॉबर्ट डी नीरो को ऑनरेरी पाम डी’ओर से सम्मानित किया। इस अवसर पर जूलियट बिनोश की अध्यक्षता वाली जूरी का परिचय कराया गया जिसमें भारतीय फिल्मकार पायल कपाड़िया भी शामिल हैं। उनकी फिल्म ‘ऑल वी इमैजिन ऐज़ लाइट’ को पिछले साल कान फिल्म समारोह का दूसरा सबसे बड़ा पुरस्कार ग्रां प्री दिया गया था। कान फिल्म समारोह के 78 सालों के इतिहास में बहुत कम फिल्मकार हैं जिन्हें मुख्य जूरी में आमंत्रित किया गया है। पायल कपाड़िया का जूरी में होना भारतीय सिनेमा के लिए बहुत बड़ी बात है।

हॉलीवुड स्टार लियोनार्डो डिकैप्रियो ने रॉबर्ट डी नीरो के सम्मान में कहा कि वे दुनिया भर के अभिनेताओं के लिए रोल मॉडल बन चुके हैं। उन्होंने सिनेमा में अभिनय की परिभाषा बदल दी है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर के युवा अभिनेताओं के लिए डिनीरो का काम देखना ही सबसे बड़ी ट्रेनिंग है कि कैसे किसी चरित्र का अभिनय करते हुए शारीरिक ट्रांसफॉर्मेशन संभव होता है। वे अभिनय में क्लासिक फैशन बन चुके हैं। उनका अभिनय देख देख कर अभिनेताओं की कई पीढ़ियां सुपरस्टार बन चुकी है। उनके पिता एक मशहूर पेंटर थे और उन्हें बचपना में ही कला का साथ मिला। मार्टिन स्कॉर्सेसी के साथ उनकी सिनेमाई साझेदारी बेमिसाल है जो अभिनेता और निर्देशक के रिश्तों को नए सिरे से परिभाषित करती है। उन्होंने सिनेमा में आइकॉनिक कहानियों को बिना समझौता किए जिया है। डिकैप्रियो ने कहा कि उनके पिता डी नीरो की फिल्में दिखाने ले जाते थे। टैक्सी ड्राइवर, गॉडफादर-2, डियर हंटर, किलर्स ऑफ द फ्लावर मून तथा दूसरी कई फिल्मों में उन्होंने बिना एक शब्द बोले जैसे फिल्म का मूल कथ्य कह दिया वह अद्भुत है।

डिकैप्रियो ने रॉबर्ट डी नीरो के साथ मार्टिन स्कॉर्सेसी की पिछली फिल्म ‘किलर्स आफ द फ्लावर मून’ के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि वह उनके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय था।
रॉबर्ट डी नीरो ने अपने भाषण की शुरुआत ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा अमेरिका से बाहर बनने वाले सिनेमा पर सौ प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा का विरोध करने से की। उन्होंने कहा कि इसे किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने यहां तक कहा कि सिनेमा की विश्व बिरादरी को ट्रंप के इस निर्णय के खिलाफ अभियान चलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें उनके खिलाफ वोट देकर उन्हें सत्ता से बेदखल करना चाहिए जिससे लोकतंत्र सुरक्षित रहे। उन्होंने कहा कि अमेरिका में लोकतंत्र नर्क में पहुंच चुका है और कला ख़तरे में है। डोनाल्ड ट्रम्प ने शिक्षा, संस्कृति और कलाओं के बजट में भारी कटौती कर दी है। दरअसल दुनिया भर के तानाशाह सबसे ज्यादा कला और सिनेमा से डरते हैं। यह केवल अमेरिका की ही समस्या नहीं है, सारी दुनिया में ऐसा हो रहा है। सिनेमा और कलाओं की आजादी खतरे में है और हम सबको एक जुट होकर इन कोशिशों का विरोध करना है। उन्होंने कान फिल्म समारोह के साथ अपने पचास सालों के जुड़ाव को याद करते हुए कहा कि वे 1973 में पहली बार कान आए थे। तब से उन्होंने देखा है कि यह समारोह कला और सिनेमा में विचारों की आजादी को समर्पित है। समारोह में राबर्ट डीनीरो के साथ एक विशेष मास्टर क्लास आयोजित किया जा रहा है।

जूरी की अध्यक्ष जूलिएट बिनोश ने दुनिया भर में कला और कलाकारों पर हो रहे हमलों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि गाजा की फोटो जर्नलिस्ट फातिमा हसौना इसी 16 अप्रैल को एक मिसाइल अटैक में अपने परिवार के दस लोगों के साथ मर गई। मरने के एक दिन पहले ही उसे पता चला कि उसकी फिल्म कान फिल्म समारोह में चुन ली गई है। उसने लिखा कि मृत्यु उससे होकर गुजर गई। शूटर की गोली ने मुझे पार किया और मैं देवदूत बन गई। आज फातिमा को हमारे बीच होना था। उन्होंने कहा कि दुनिया भर के फिल्मकारों, कलाकारों पर हो रहे हमलों के खिलाफ एक होकर लड़ाई लड़नी होगी। इस अवसर पर हॉलीवुड के मशहूर फिल्मकार डेविड लिंच को श्रद्धांजलि दी गई।

समारोह में टॉम क्रूज की नई फिल्म ‘मिशन इंपॉसिबल – द फाइनल रेकनिंग’ के वर्ल्ड प्रीमियर की यहां खूब चर्चा है। इस फिल्म का निर्देशन क्रिस्टोफर मैकक्वेरी ने किया है। उनके साथ एक विशेष मास्टर क्लास का भी आयोजन किया जा रहा है। कान फिल्म समारोह में पिछले साल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और वर्चुअल रियलिटी पर आधारित फिल्मों का एक नया खंड ‘इम्मर्सिव कंपीटिशन’ शुरू किया गया था जो बहुत सफल रहा। इस बार भी इस खंड में नौ फिल्में दिखाई जा रही है। इन फिल्मों के अलावे दृश्य श्रव्य माध्यम और तकनीकी चमत्कार पर आधारित युवा प्रयोगकर्ताओं की कई परियोजनाओं की प्रदर्शनी भी लगाई गई है।