कान 2025 (8): प्रतिरोध के फिल्मकार जफ़र पनाही की फिल्म को सर्वोच्च सम्मान



कान फिल्म फेस्टिवल 2025 के विजेताओं की घोषणा के साथ ही इसका समापन हो गया है। मशहूर ईरानी फिल्मकार जफ़र पनाही Jafar Panahi को उनकी फिल्म ‘It Was Just an Accident’ के लिए प्रतिष्ठित पाम डी’ओर पुरस्कार दिया गया है। ज्यूरी अध्यक्ष जूलियट बिनोशे ने जब पुरस्कार की घोषणा की, तो पनाही भावुक हो गए, उनकी आंखों में आंसू आ गए और हाथ उठाकर उन्होने अपनी खुशी जाहिर की। पनाही एक ऐसे फिल्मकार हैं जिन्हें अपनी फिल्मों के लिए कई बार गिरफ्तार किया गया है। ‘It Was Just An Accident’ फिल्म को पाम डी’ओर के लिए शॉर्टलिस्ट की गई 22 फिल्मों में से चुना गया। यह पुरस्कार जीतकर पनाही ने एक बड़ा मुकाम हासिल किया है, और वह उन चुनिंदा फिल्मकारों में शामिल हो गए हैं जिन्होंने तीन प्रमुख यूरोपीय फिल्म समारोहों बर्लिन, वेनिस और अब कान में शीर्ष पुरस्कार जीते हैं। 78वें कान फिल्म फेस्टिवल को कवर करने गए वरिष्ठ पत्रकार-फिल्म समीक्षक-लेखक अजित राय की कान से भेजी 8वीं रिपोर्ट।

विश्वप्रसिद्ध ईरानी फिल्मकार जफ़र पनाही ने अपनी फिल्म ‘इट वॉज़ जस्ट ऐन एक्सीडेंट’ के लिए 78 वें कान फिल्म समारोह का सबसे बड़ा पुरस्कार पाम डी’ओर जीत लिया। कान के ग्रैंड थियेटर लूमिए में 78 वें कान फिल्म समारोह के समापन समारोह में हॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री निकोल किडमैन ने जूरी की अध्यक्ष जूलिएट बिनोशे के साथ जफ़र पनाही को बेस्ट फिल्म के ‘पाम डी’ओर’ पुरस्कार से सम्मानित किया। जब जूलिएट बिनोशे ने इस पुरस्कार के लिए जफ़र पनाही का नाम घोषित किया तो कुछ देर वे अपनी सीट पर ही ठिठके रहे। बाद में उन्होंने कहा कि ‘मैं यहां अकेले कैसे खुश हो सकता हूं जबकि मेरे देश ईरान में मेरे कई साथी फिल्मकार और कलाकार जेल में बंद हैं और कई लोगों को फिल्में बनाने से रोक दिया गया है।’ जफ़र पनाही भी जेल से हाल ही में रिहा हुए हैं। उन्हें 2010 में छह साल की सजा सुनाई गई थी और बीस साल तक उन्हें फिल्म बनाने से प्रतिबंधित कर दिया गया था। वे वर्षों तक तेहरान में हाउस अरेस्ट में रहे।

पाम डी’ओर पुरस्कार के लिए जब जफ़र पनाही का नाम पुकारा गया तो ग्रैंड थियेटर लूमिए में करीब साढ़े तीन हजार दर्शको ने खड़े होकर देर तक ताली बजाकर खुशी का इजहार किया। जूरी की अध्यक्ष जूलिएट बिनोशे ने कहा कि जफ़र पनाही अपने देश (ईरान) में मानवीय गरिमा और आज़ादी के लिए तानाशाही और धार्मिक कट्टरवाद के खिलाफ लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। यह फिल्म तेहरान में एक रात की कहानी है जिसमें एक साधारण कार दुर्घटना के बाद एक के बाद एक कई दिलचस्प घटनाएं घटती चली जाती हैं इसमें प्रतिशोध से शुरू होकर क्षमा और करूणा तक की यात्रा है और हत्या की नैतिकता पर बहस भी।

पुरस्कार जीतने के बाद कान फिल्म समारोह के आधिकारिक प्रेस कांफ्रेंस में जफ़र पनाही ने कहा ‘इस पुरस्कार से मुझे बहुत बड़ी खुशी हो रही है पर कुछ देर के लिए मैं उन साथी फिल्मकारों की यादों में खो गया, एक-एक कर उनके चेहरे मेरे सामने आने लगे जो मेरे साथ जेल में थे और अभी भी जेल में बंद हैं। मैं यह पुरस्कार अपनी उस ईरानी जनता को समर्पित करता हूं जो जान की बाजी लगाकर आजादी के लिए संघर्ष कर रही है।’ उन्होंने कहा कि एक समय था जब ईरानी सिनेमा को कोई नहीं जानता था। आज ईरानी सिनेमा की सारी दुनिया में एक खास पहचान है। यह पहचान बनाने में बहुत सारे ईरानी फिल्मकारों का योगदान है जिनके कारण हम यहां पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि हम फिल्म बनाने में जिंदगी लगा देते हैं और पैसे की हमेशा समस्या रहती है क्योंकि हम हर किसी से पैसा नहीं ले सकते। कारण कि यदि पैसा लगाने वाले में अच्छे सिनेमा की समझ नहीं हुई तो वह फिल्म को बर्बाद कर देगा। उन्होंने कहा कि आज हर देश में हिंसा, युद्ध और तानाशाही की समस्या है। हम सिनेमा के माध्यम से उम्मीद करते हैं कि एक दिन सब कुछ ठीक हो जाएगा, शांति कायम होगी और सबको न्याय मिलेगा। उन्होंने ग्रैंड थियेटर लूमिए के मंच पर और प्रेस कॉन्फ्रेंस में ईरान की राष्ट्रभाषा फारसी में अपनी बात कही जिसका पहले फ्रेंच में और फ्रेंच से अंग्रेजी में अनुवाद किया गया। जेल से रिहा होने के बाद (2022) जफर पनाही की यह पहली फिल्म है। हालांकि कहा जा रहा है कि उन्होंने बिना ईरानी सरकार की अनुमति के यह फिल्म बनाई और इस फिल्म में औरतों को बिना हिजाब पहने दिखाया गया है। यह एक तरह से सरकारी हिजाब कानून का सिनेमाई प्रतिरोध है। इस मुद्दे पर अभी हाल ही में ईरान में एक बड़ा आंदोलन हो चुका है।
कान फिल्म समारोह में पाम डी’ओर पुरस्कार जीतने के बाद जफ़र पनाही दुनिया के चौथे ऐसे फिल्मकार बन गए हैं जिन्हें यूरोप के तीनों सबसे बड़े फिल्म समारोहों में बेस्ट फिल्म का सर्वोच्च पुरस्कार मिल चुका है। उन्हें 2015 में बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म समारोह में फिल्म ‘टैक्सी’ के लिए बेस्ट फिल्म का गोल्डन बेयर अवॉर्ड और साल 2000 में वेनिस इंटरनेशनल फिल्म समारोह में फिल्म ‘द सर्किल’ के लिए गोल्डन लायन अवॉर्ड मिल चुका है।


कान फिल्म समारोह का दूसरा सबसे बड़ा पुरस्कार ग्रां प्री डेनमार्क के जोचिम ट्रीयर को उनकी फिल्म ‘सेंटीमेंटल वैल्यू’ के लिए प्रदान किया गया। बेस्ट डायरेक्टर का पुरस्कार ब्राजील के क्लेबेर मेंडोंका फिलहो को उनकी फिल्म ‘द सेक्रेट एजेंट’ फिल्म के लिए दिया गया। इसी फिल्म में उत्कृष्ट अभिनय के लिए वागनर मौरा को बेस्ट अभिनेता का पुरस्कार मिला। जूरी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह सवाल उठा कि एक ही फिल्म को दो-दो पुरस्कार क्यों दिए गए जो कि आमतौर पर कान फिल्म समारोह में नहीं होता है। बेस्ट अभिनेत्री का पुरस्कार फ्रांस की हाफ्सिया हेरजी की फिल्म ‘द लिटिल सिस्टर’ में उत्कृष्ट अभिनय के लिए नाडिया मेलिटी को मिला। बेस्ट पटकथा का पुरस्कार ‘यंग मदर्स’ फिल्म के लिए इसके लेखक निर्देशक बेल्जियम के ज्यां पियरे डारडेन और लूक डारडेन (डारडेन ब्रदर्स) को दिया गया। कान फिल्म समारोह में अब तक उन्हें नौ बार पुरस्कार मिल चुका है। जूरी प्राइज इस बार संयुक्त रूप से फ्रांस के ओलिवर लेज की स्पेनिश फिल्म ‘सीराट’ और जर्मनी की माशा शिलिंस्की को उनकी फिल्म ‘साउंड आफ फालिंग’ के लिए मिला। इसके अलावा जूरी ने एक स्पेशल पुरस्कार चीन के प्रख्यात फिल्मकार बी गान को उनकी विज्ञान फंतासी फिल्म ‘रिसरेक्शन’ के लिए प्रदान किया। इस पर भी जूरी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल उठा तो जूरी की अध्यक्ष जूलिएट बिनोशे का कहना था कि यह फैसला सर्वसम्मति से हुआ है क्योंकि यह एक विलक्षण फिल्म है। यह एक कविता की तरह है जो आपको सपने देखने के लिए आमंत्रित करती है।
शॉर्ट फिल्म का पाम डी’ओर इराक के तौफीक बारहोम को उनकी फिल्म ‘आई एम ग्लैड यू आर डेड नाऊ’ के लिए दिया गया। कान फिल्म समारोह के इतिहास में किसी इराकी फिल्मकार को दिया गया यह पहला पुरस्कार है। इसी तरह बांग्लादेश के अदनान अल राजीव को उनकी फिल्म ‘अली’ के लिए जूरी का स्पेशल मेंशन पुरस्कार मिला जो किसी भी बांग्लादेशी फिल्मकार को कान फिल्म समारोह में पहली बार मिला। पहली फिल्म के लिए दिया जानेवाला पुरस्कार कैमरा डी’ओर इस बार ‘द प्रेसिडेंट केक’ के लिए हसन हादी को मिला। यह फिल्म डायरेक्टर फोर्टनाइट खंड में दिखाई गई थी जो कान फिल्म समारोह की साइडबार गतिविधि है।
