‘आदमी और औरत’: तपन सिन्हा की नजर से
सत्यजित राय, ऋत्विक घटक और मृणाल सेन के साथ सबसे प्रभावशाली बंगाली फ़िल्मकारो की चौकड़ी बनाने वाले तपन सिन्हा ने यूं तो हिन्दी में कम फ़िल्में बनाई लेकिन उनकी कई फ़िल्मों का हिन्दी रूपांतरण अक्सर हुआ। हिन्दी में “एक डॉक्टर की मौत” उनकी यादगार फ़िल्मों में से एक है। यह फ़िल्म भी ऐसी ही बिंबों से भरी, एक कहानी है, जो ऊपरी तौर पर सीधी-साधी होकर भी अनेक जटिल सवाल हमारे सामने उठाती है।