आज सोचा तो आंसू भर आए…
सोचिये क्या सीन रहा होगा !
ये था मदन मोहन के संगीत का जादू.
हिंदी सिनेमा के संगीत के इतिहास में जब भी फ़िल्मी ग़ज़लों का ज़िक्र होगा, मदन मोहन का नाम कतार में सबसे आगे के लोगों में गिना जायेगा. लता मंगेशकर की आवाज़ में पचास के दशक के ढलते बरसों में और साठ के दशक में गायी गयी तमाम लोकप्रिय ग़ज़लों में से कई ग़ज़लें मदन मोहन ने ही संगीतबद्ध की थीं।