सिनेमा की भाषा में ‘भूमिका’
श्याम बेनेगल की ‘भूमिका’ शुरु से अंत तक रील लाइफ़ और रीयल लाइफ़ की बिना किसी दरार के एक-दूसरे में आवाजाही है। यह एक संवेदनशील-प्रतिभावान व्यक्ति की उथल-पुथल भरी जिंदगी का लेखा-जोखा है। स्मिता पाटिल ने स्वयं स्वीकार किया था, यह उनके जीवन की सर्वाधिक कठिन फ़िल्म थी, लेकिन इसी कारण यह उनके लिए सर्वाधिक संतोषप्रद फ़िल्म भी थी। पहले वे सोच रही थीं कि वे यह भूमिका न कर पाएँगी लेकिन उन्हें अपने निर्देशक पर बहुत भरोसा था (वे श्याम बेनेगल के साथ तीन फ़िल्में कर चुकी थीं), दोनों की बहुत अच्छी ट्यूनिंग थी अत: उन्होंने इस रोल को स्वीकार किया।











