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अरब डायरी 6: पर्दे पर वो किसान जिसने 235 दिन बचाए रखी सद्दाम हुसैन की जान

फिल्म हाइडिंग सद्दाम हुसैन दिखाती है कि कैसे एक अराजक तानाशाह जान पर बन आने पर साधारण इंसान में बदल जाता है। अला नामिक के लिए सद्दाम हुसैन किसी मिथकीय चरित्र की तरह थे। वे सोच भी नहीं सकते थे कि वे कभी उनसे मिल पाएंगे। यह नियति का खेल था कि उन्हें उनके साथ नौ महीने गुजारने पड़े।

अरब डायरी 5: इस्लामिक स्टेट के आतंक पर बनी अरब डॉक्यूमेंट्री को अवॉर्ड

फिल्म ‘फोर डाटर्स’ में अलग से कोई राजनीतिक टिप्पणी नहीं है, पर इन पांच औरतों के मानवीय दुःखों के माध्यम से निर्देशक ने वह सब कुछ कह दिया है जिसे स्वीकार करने से मुस्लिम देशों के राजनेता और शासक बचते नजर आ रहे हैं।

इस्लामिक स्टेट के खिलाफ एक औरत का सिनेमाई प्रतिरोध

कौथर बेन हनिया ने ‘ फोर डॉटर्स’ में एक नये तरह का सिनेमा रचा है। उन्होंने वास्तविक चरित्रों के साथ अभिनेताओं से काम कराया है। हम देखते हैं कि ट्यूनीशिया का समाज इतना आधुनिक और खुले विचारों वाला है। ओल्फा की चारों बेटियों की दिनचर्या में वास्तविक सुंदरता और आजादी है। इस्लामी रैडिकलाइजेशन के बाद सबकुछ बदल जाता है।

अरब डायरी 4: दुनिया भर की कंपनियों को मेरी नहीं, मेरे देश भारत की जरूरत है – आलिया भट्ट

रेड सी अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह के इंटरनेशनल प्रोग्रामिंग के प्रमुख कलीम आफताब से बातचीत में यह पूछे जाने पर कि आप अच्छी अभिनेत्री हैं और आपका काम ठीक चल रहा है, फिल्मों में काम करने से आपको सालाना करीब 7.4 मिलियन डालर (करीब 60 करोड़ रुपए) की कमाई होती हैं फिर बिजनेस क्यों शुरू किया, आलिया भट्ट ने कहा कि मुझे मालूम नहीं कि मेरा ऐक्टिंग का करियर कब तक चलेगा या कब तक मुझे अभिनेत्री के रूप में स्वीकार किया जाएगा…

अरब डायरी 3: सिनेमा में सफलता के लिए किसी ‘एक्स फैक्टर’ की उम्मीद नहीं कर सकते- कटरीना कैफ़

कटरीना ने कहा कि सऊदी अरब में नया-नया सिनेमा आया है। यहां के कलाकारों और फिल्मकारों से कहना चाहती हूं कि वे अपने उद्देश्य में स्पष्ट रहें। अपने ऊपर किसी को संदेह न करने दें। यहां के लोग जब अपनी कहानियों के साथ सिनेमा में आएंगे तो सारी दुनिया उन्हें देखेगी।

अरब डायरी 2: ‘एनीमल’ से भी हिंसक होगी करण जौहर की ‘किल’?

करण जौहर ने अपनी नई फिल्म ‘किल’ के बारे में कहा कि यह हिंदी सिनेमा के इतिहास में संभवतः सबसे हिंसक फिल्म है जिसे एक साथ देखने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा हूं। इसे खाली पेट मत देखिएगा नहीं तो फिल्म देखने के बाद खाना नहीं खा पाएंगे। इसी साल टोरंटो अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में इस फिल्म का वर्ल्ड प्रीमियर हुआ था और कहा जाता है कि वहां इसे बहुत पसंद किया गया।

अरब डायरी 1: अमिताभ, शाहरुख मेरे आदर्श थे- रणवीर सिंह

सऊदी अरब के जेद्दा शहर में आयोजित तीसरे रेड सी अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह की शुरुआत रणवीर सिंह के संवाद से हुई। उद्घाटन समारोह में हालीवुड की मशहूर अभिनेत्री शैरोन स्टोन और फेस्टिवल प्रमुख मोहम्मद अल तुर्की ने रणवीर सिंह को सम्मानित किया।

ऋत्विक घटक: भारतीय सिनेमा का एक ‘अनकट डायमंड’

निमाई घोष निर्देशित बांग्ला फिल्म ‘छिन्नमूल’ (अपरुटेड, 1950) में ऋत्विक घटक ने पहली दफा अभिनय किया। यह पहली भारतीय मूवी है, जो विभाजन (1947) की कहानी कहती है। इस फिल्म में दिखलाया गया है कि किसानों के एक समूह को ईस्ट पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) से किस तरह कलकत्ता आने को मजबूर किया गया।

‘किलर्स आफ द फ्लावर मून’- अमेरिका के रक्तरंजित अतीत की अनजान कहानी

मार्टिन स्कॉर्सेसी ने पूरी ईमानदारी से इतिहास की विलक्षण कहानी कही है। उन्होंने अमेरिकी सत्ता के पीछे के हिंसा, शोषण और लूट के छुपे हुए इतिहास को आज के संदर्भ में देखने की कोशिश की है।  स्कॉर्सेसी ने चरित्र चित्रण में कमाल की सावधानी बरती है और एक-एक चरित्र वास्तविक लगते हैं।