Tagged: Hindi Cinema

Shyam Benegal

मसाला फिल्मों की मंडी में सार्थक सिनेमा का जुनून थे श्याम बेनेगल

श्याम बेनेगल से पहले  सत्यजित रे के जरिये भारतीय सिनेमा को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पहचान मिल चुकी थी लेकिन बेनेगल की फिल्मों ने नये संदर्भों में एक नये प्रगतिशील नज़रिये के साथ भारतीय समाज की कहानियों को, समाज में आ रहे बदलावों को, मध्य वर्ग को, सत्ता-व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष को और प्रतिरोध को पूरी दुनिया के सामने पेश किया और भारतीय सिनेमा की प्रतिष्ठा बढ़ायी। 

Priyanka Chopra

अरब डायरी 2024 (6): फिल्म इंडस्ट्री में मेरा कोई गॉडफादर नहीं- प्रियंका चोपड़ा

जब अनुराग बसु ने ‘बर्फी’ की कहानी सुनाई तो पहले तो मुझे लगा कि यह रोल नहीं कर पाऊंगी, पर लहरों के खिलाफ जाना मेरी आदत बन चुकी थी। उन दिनों रणबीर कपूर न्यूयॉर्क में ‘अनजाना-अनजानी’ की शूटिंग कर रहे थे। मैं एक इवेंट में जाने की जल्दी में थी। अनुराग बसु ने कहा कि ठीक है, वे दूसरी फिल्म के लिए मुझसे बाद में मिलेंगे। मैंने उनसे पांच दिन का समय मांगा।

सच्चे ‘जन कलाकार’ थे बलराज साहनी

बलराज साहनी ने केवल अभिनेता ही नहीं बल्कि एक अध्यापक, नाट्य लेखक-निर्देशक, रेडियो उद्घोषक, ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता जैसे कई महत्वपूर्ण कार्यों को पूरी ईमानदारी के साथ किया। उनके भीतरी और बाहरी रूप में कोई अलगाव न था। देश और देश की जनता के लिए कुछ बेहतर और अच्छा करने की बेचैनी ने उन्हें लाहौर, शांतिनिकेशन, सेवाग्राम(वर्धा), लंदन, बंबई और न जाने कहाँ-कहाँ घुमाया, लेकिन इन सभी जगहों से एक कलाकार के रूप में उन्होंने बहुत कुछ पाया।

ओटीटी कंटेंट में गंदगी पर बॉलीवुड भी बोलने लगा

खुलकर के गाली-गलौज और अश्लील संवादों का इस्तेमाल सबसे पहले फिल्मों में फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप ने न सिर्फ शुरू किया था, बल्कि ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ और ‘रियलिस्टिक क्रिएटिव टच’ के नाम पर इसको लगातार जस्टिफाई भी करते रहे।