10वां कोलकाता अंतरराष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव

Share this

10वें कोलकाता अंतरराष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैंकोलकाता के वरिष्ठ पत्रकार जयनारायण प्रसाद। जयनाराय़ण प्रसाद इंडियन एक्सप्रेस समूह के अखबार जनसत्ता कलकत्ता में 28 सालों तक काम करने के बाद रिटायर होकर कलकत्ता में ही रहते हैं। हिंदी में एम ए जयनारायण प्रसाद ने सिनेमा पर व्यापक रुप से गंभीर और तथ्यपरक लेखन किया है। गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी, गायक मन्ना डे, फिल्मकार श्याम बेनेगल, अभिनेता शम्मी कपूर से लेकर अमोल पालेकर, नसीरुद्दीन शाह और शबाना आज़मी तक से बातचीत। जयनारायण प्रसाद ने जाने माने फिल्मकार गौतम घोष की राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त बांग्ला फिल्म ‘शंखचिल’ में अभिनय भी किया है।

“I do not make films primarily for children. I make them for the child in all of us, whether we be six or sixty.” -Walt Disney

बीते दशकों में सिनेमा में बाल फिल्मों का ज़बरदस्त ढंग से लोप होता गया है… । बच्चों की फिल्मों के नाम का कोई जॉनरा नहीं बचा है… संभवत: इसके बदले एनीमेशन फिल्मों को बाल फिल्मों की जिम्मेदारी दे दी गई, जबकि एनीमेशन वर्ल्ड हमेशा बताता रहा है कि एनीमेशन एक जॉनरा है, एक फॉर्मैट है… ये महज़ बच्चों की फिल्मों के लिए नहीं है। दुनिया में सबसे अधिक फिल्में बनाने वाले देश भारत में साल दर साल हम बच्चों के लिए एक बेहतर फिल्म नहीं बना पाते। हालांकि फिर भी कुछ स्वागत योग्य पहल और आयोजन बचे हुए हैं, जिनमें से एक है कोलकाता इंटरनेशनल चिल्ड्रेन फिल्म फेस्टिवल।

कोलकाता में इस साल 25 जनवरी, 2024 से दसवां कोलकाता इंटरनेशनल चिल्ड्रेन फिल्म फेस्टिवल (केआईसीएफएफ) शुरू हो रहा है, जिसमें 30 देशों की कुल 111 फिल्में दिखाई जाएंगी। यह‌ अंतरराष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव 29 जनवरी को खत्म होगा। इस फिल्म फेस्टिवल में कुल 111 फिल्मों में से 36 भारतीय और 13 बांग्ला फिल्में हैं। बाकी विदेशी फिल्में हैं, जो बच्चों की दुनिया पर आधारित है। समारोहका विस्तृत शिड्यूल नीचे दिए लिंक पर देख सकते हैं।

https://www.kicff.org/PDF/Schedule.pdf

कोलकाता अंतरराष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव का आयोजन पश्चिम बंगाल सरकार की संस्था ‘बाल किशोर अकादमी’ करती है। इस बाबत बंगाल के सूचना एवं संस्कृति मंत्री और जाने-माने गायक इंद्रनील सेन व बाल किशोर अकादमी की प्रमुख रंगकर्मी अर्पिता घोष ने बताया कि इस बाल फिल्म महोत्सव में 30 देशों की फिल्में दिखाई जाएंगी जिनमें रूस, चीन, ईरान, जर्मनी, मैक्सिको, स्लोवाकिया, ग्रीस, बांग्लादेश, चेक गणराज्य, फिनलैंड, तुर्की, किर्गिज़्ग्स्तान, वियतनाम, पोलैंड, रोमानिया, यूएई, जापान, ऑस्ट्रेलिया, हंगरी, इंडोनेशिया, बेल्जियम, कनाडा, इंग्लैंड, अमेरिका, स्पेन, भारत और फ्रांस प्रमुख हैं।

बंगाल के सूचना एवं संस्कृति मंत्री इंद्रनील सेन ने बताया कि इस दसवें कोलकाता अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में उद्घाटन फिल्म के तौर पर नेपाली फिल्म ‘गुरास’ को चुना गया है। ‘गुरास’ के निर्देशक हैं सुभाष राई, जो सत्यजित राय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (कोलकाता) के ग्रेजुएट हैं।

सुभाष राई की यह फिल्म ‘कार्लोवी बेरी (चेक गणराज्य) अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव’ में सम्मानित हो चुकी है। उन्होंने बताया कि कोलकाता के नंदन, रवींद्र सदन, शिशिर मंच समेत कई प्रेक्षागृहों में इस बाल फिल्म फेस्टिवल के तहत पांच दिनों तक फिल्मों का प्रदर्शन चलेगा। बच्चे मुफ्त में ये सभी फिल्में देख सकेंगे। इसका समय है दोपहर 12 बजे, अपराह्न 3 बजे ‌और शाम के छह बजे।

‘बाल किशोर अकादमी’ की प्रमुख अर्पिता घोष ने बताया कि स्पेशल सेक्शन के तहत दिवंगत फिल्मकार मृणाल सेन और तपन सिन्हा की बच्चों पर केंद्रित चुनिंदा फिल्में भी दिखाई जाएंगी। इनमें मृणाल सेन की बांग्ला फिल्म ‘इच्छापूरण’ और तपन सिन्हा की फिल्म ‘आज का रॉबिनहुड’, ‘काबुलीवाला’, ‘सबुज द्वीपेर राजा और ‘अनोखा मोती’ प्रमुख हैं।

अर्पिता घोष ने यह भी बताया कि हॉलीवुड की कुछ क्लासिक फिल्में भी इस बाल फिल्मोत्सव में रखी गई हैं, जिनमें ‘कैस्पर’, ‘बॉबे’, ‘ईटी’ और ‘हटारी’ मुख्य हैं। इसके अलावा मास्टर क्लास के तहत ‘तारे ज़मीं पर’ के निर्देशक अमोल गुप्ते, मणिपुरी निर्देशक रोमी मैतेई, अभिनेता मोहन अगाशे और कन्नड़ भाषा के निर्देशक प्रवीण कृपाकर बच्चों की फिल्मों पर बोलेंगे।

उन्होंने कहा कि एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया है, जिसमें बच्चों को सिनेमा बनाने की प्रक्रिया से अवगत कराया जाएगा। इस अंतर्राष्ट्रीय बाल फिल्म फेस्टिवल की आखिरी फिल्म है’ टेलडांडा’, जिसका निर्देशन कन्नड़ भाषा के मशहूर फिल्मकार प्रवीण कृपाकर ने किया है।

You may also like...