अरब डायरी 8: घूंघट के घनचक्कर में नारी का दर्द ढूंढती किरण राव की ‘लापता लेडीज़’

किरण राव ने ‘धोबी घाट’ (2011) के 12 साल बाद कोई फिल्म बनाई है। ‘लापता लेडीज’  दो ग्रामीण औरतों की कहानी है जो शादी के बाद लाल जोड़े में अपने-अपने पति के साथ ससुराल आते हुए ट्रेन में लंबे घूंघट के कारण खो जाती हैं। किरण राव की यह फिल्म भारतीय समाज में औरतों की दयनीय हालत पर सतत टिप्पणी करती है।