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संतोष, ऑल वी इमैजिन…, ऑस्कर और गोल्डन ग्लोब के बरक्स भारतीय सिनेमा

संध्या सूरी की फिल्म संतोष की न सिर्फ भाषा हिंदी है, बल्कि पूरी तरह आज के भारतीय समाज और उसके समसामयिक विमर्श पर आधारित है। और इन सबके बावजूद उसे सर्वश्रेष्ठ ब्रिटिश सिनेमा के तौर पर ऑस्कर अवॉर्ड के लिए प्रविष्टि बनने की राह में कोई अड़चन नहीं आई। शायद ऐसा इसलिए कि वहां पैमाना बेहतरीन सिनेमा चुनना था न कि देश का सांस्कृतिक प्रतिनिधित्व करना। ब्रिटेन ने इससे पहले ऑस्कर के लिए जिन फिल्मों को आधिकारिक प्रविष्टि बनाया है, उनमें फ़ारसी, उर्दू, पश्तो, जर्मन, रूसी, पोलिश, फ्रेंच, स्वाहिली, तुर्की जैसी भाषाओं की फिल्में हैं, क्योंकि तकनीकी रुप से इस कैटेगरी के लिए फिल्म का गैरअंग्रेजी भाषा की होना ज़रुरी है।

‘मदर इंडिया’ का महान फिल्मकार महबूब ख़ान

अपने तीस साल के फिल्मी करियर में महबूब खान ने  हॉलीवुड की तरह ही भव्य और तकनीकी  स्तर पर  श्रेष्ठ फिल्में बनाने की  कोशिश की। ‘आन देश’ की पहली  टेक्नीकलर फिल्म थी। ‘मदर इंडिया’ को  उनकी ऑल टाइम ग्रेट फिल्म कहा जाता  है और इसे क्लासिक फिल्म का दर्जा प्राप्त है।

‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स’ को इसलिए मिला ऑस्कर

बेली बताती है कि मेरी बेटी के मर जाने के बाद रघु का आना ऐसा लगा कि बेटी ही वापस आ गई, रघु ने अपनी सूंड से मेरे आँसू पोंछे.. वह छोटे बच्चों की तरह मेरे कपड़े खींचता था, मुझे उसका प्यार महसूस हुआ और रघु ने भी मुझमें मां की-सी सुगंध को अनुभव किया होगा…

भारतीय सिनेमा के लिए ‘ऑस्कर’ का सबसे यादगार दिन

पुरस्कार देने से पहले सत्यजित राय से पूछा गया था आप किनके हाथों यह ऑस्कर ट्राफी लेना चाहेंगे? सत्यजित राय ने तत्काल अभिनेत्री ऑड्रे हेपबर्न का नाम लिया था। सत्यजित राय अभिनेत्री ऑड्रे हेपबर्न के बहुत बड़े फैन थे।

बच्चों के मन के बंद दरवाज़े टटोलता बेल्जियम का सिनेमा

डारडेन बंधुओं ‘ल इनफैंट’  (द चाइल्ड) को बेस्ट फिल्म का ‘पाम डि ओर’ पुरस्कार मिला तो दुनिया का ध्यान यहां की फिल्मों की ओर गया। इस फिल्म ने बेल्जियम के सिनेमा का एक नया व्याकरण रचा और इटैलियन न्यू वेव सिनेमाई दौर की वित्तोरियो डि सिका की विश्व प्रसिद्ध फिल्म ‘बायसिकिल थीव्स’ (1948) के 57 वर्ष बाद बच्चे एक बार फिर से सिनेमा के केंद्र में आए और उन्हें एक नया नायकत्व मिला। यह सिलसिला आज भी जारी है और बाल मनोविज्ञान बेल्जियम के सिनेमा की नई पहचान बन चुका है।

95वां ऑस्कर: अनाथ हाथी, पुतिन के प्रतिद्वंद्वी से लेकर मल्टीवर्स तक फैला कंटेंट

एशिया और भारत के लिए इस बार के ऑस्कर में कुछ और भी खास बातें रहीं। जैसे कि बेस्ट एक्स्ट्रेस की कैटेगरी में पहली बार किसी एशियन अभिनेत्री (मिशेल यो, मलेशिया, EEAAO के लिए) ने ऑस्कर जीता। वहीं ‘नाटू नाटू’ को मिला बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग का अवॉर्ड भी पहली बार किसी भारतीय प्रोडक्शन के लिए मिला इस कैटेगरी का अवॉर्ड है। बेस्ट डॉक्यूमेंट्री के तौर पर भी पहली बार किसी भारतीय डॉक्यूमेंट्री फिल्म को ये अवॉर्ड मिला है।

दुनिया के पर्दे पर ‘दोस्तजी’

‘दोस्तजी’  17 मार्च, 2023 को अमेरिका के 26 राज्यों के 75 शहर, कनाडा के 17 शहर, आस्ट्रेलिया के 10 शहर के अलावा न्यूजीलैंड और संयुक्त अरब अमीरात के दुबई, अबू धाबी, शारजाह और करीब साढ़े पांच लाख की आबादी वाले अजमन‌ सिटी में भी एक साथ  रिलीज होने जा रही है।

ऑस्कर 2023: विश्व सिनेमा की पांच महत्वपूर्ण फिल्में

सुखद आश्चर्य है कि हमेशा की तरह इस बार प्रतिष्ठित 75 वें कान फिल्म समारोह के ऑफिशियल सेलेक्शन में दिखाई गई फिल्मों को एकेडमी अवॉर्ड की 16 श्रेणियों में कुल 21 नॉमिनेशन मिले हैं। इसमें बेस्ट इंटरनेशनल फिल्म से लेकर मुख्य प्रतियोगिताओं की कई श्रेणियां शामिल हैं।

Amitaabh Srivastava

मिनारी: अनजाने सुख की खोज और उसकी पहचान का सफ़र

कोरियाई भाषा में बनी अमेरिकी फिल्म मिनारी की इस साल ऑस्कर, गोल्डन ग्लोब और बाफ्टा अवॉर्ड्स में खासी धूम रही। गोल्डन ग्लोब में इसने बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म का अवॉर्ड जीता तो बाफ्टा और...