‘एकमात्र सत्यजित राय…’ – ऋत्विक कुमार घटक

जो भी हो, सत्यजित बाबू के शिल्पकर्म को लेकर यह आलोचना नहीं है। उनकी ‘पथेर पांचाली’ हम लोगों को या मेरी ज्ञान-पिपासा को कैसे संतुष्ट करती है, इसका लाक्षणिक बखान भर है यह ! सत्यजित राय पर ऋत्विक घटक के दुर्लभ आलेख का जयनारायण प्रसाद का किया हिंदी अनुवाद।