धरती को आकाश पुकारे: शरद दत्त का महाप्रयाण
प्रसिद्ध शायर-गीतकार साहिर लुधियानवी पर उन्होंने दो माह पूर्व ही पुस्तक लेखन का कार्य सम्पन्न किया था। इस बारे में बात करते हुए उन्होंने मुझे कहा था कि साहिर पर पुस्तक पूरी हो गयी है और मुझे अपने भीतर जिस संतुष्टि की अनुभूति हो रही है उससे मैं बड़ा आनन्दित हूँ। एक लेखक जब अपनी किसी कृति को लेकर इस प्रकार सन्तोष का अनुभव कर रहा हो तो उसके इस कार्य की गुणवत्ता को सहज ही समझा जा सकता है। शरद दत्त के निधन के पश्चात् यह पुस्तक प्रकाशित होगी इसका भान तब किसे था?