2022: बंबइया सिनेमा के तिलिस्म टूटने का साल
दरअसल, डबिंग और सबटाइटिल्स की सुविधा के साथ अब हिंदी का दर्शक न सिर्फ भारत की सभी भाषाओं के मनोरंजन का आनंद ले सकता है, बल्कि तमाम विदेशी कहानियाँ भी उसके लिए सहज हो गई हैं। निर्माताओं को भारत के विशाल बहुभाषी दर्शक वर्ग की निरंतर बढ़ती भूख में अपने मुनाफ़े का अहसास हो चुका है।