Author: ndff

इजिप्ट डायरी 5: संकटग्रस्त सूडान से एक अच्छी खबर… ‘गुड बाय जूलिया’

फिल्म ‘गुडबाय जूलिया’ को छठे अल गूना फिल्म फेस्टिवल (इजिप्ट) में द सिनेमा फॉर ह्यूमनिटी ऑडिएंस अवॉर्ड से नवाजा गया है। इसके निर्देशक मोहम्मद कोरदोफानी उत्तरी सूडानी अरब है जिन्हें इस बात का अफसोस है कि अरबों ने बहुत नस्लवादी अत्याचार किए हैं जिस कारण सूडान का विभाजन हुआ। उनका कहना है कि यह फिल्म प्रायश्चित का एक छोटा सा प्रयास है।

इजिप्ट डायरी 4: कोयला खदानों की बदरंग दुनिया और बदलाव की चाहत

‘ह्विस्पर्स आफ फायर एंड वॉटर’ एक ऐसी फिल्म हैं जो कहानी से अधिक अपनी कलात्मक सिनेमैटोग्राफी और साउंड डिजाइन के कारण अद्वितीय बन गई है।
फिल्म में नायक शिवा के आगे एक ऐसी दुनिया खुलती है, जो सुविधासंपन्न शहरी जीवन के आदी हो चुके शिवा के लिए रहस्यमय किंतु आकर्षक है। 

इजिप्ट डायरी 3: इज़रायल-हमास युद्ध के बीच मानवीय कहानियों का सिनेमाई दस्तावेज़

फिलिस्तीनी मूल की ब्रिटिश महिला निर्देशक फराह नाबुल्सी की पहली फिल्म- ‘द टीचर’ जिसे हाल ही में सऊदी अरब के जेद्दा में आयोजित तीसरे रेड सी अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में दो- दो पुरस्कार मिले हैं। ऐसा इजरायल-हमास युद्ध में फिलिस्तीनी नागरिकों के प्रति पक्षधरता और समर्थन के लिए किया गया है।

इजिप्ट डायरी 2: ‘हॉलीवुडगेट’- तालिबानी अफगानिस्तान के पहले साल का रोज़नामचा

हॉलीवुड गेट दरअसल काबुल के बाहरी इलाके में अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के ठिकाने का नाम था जो एक तरह से अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना का मुख्यालय बन गया था। जब 30 अगस्त को अंतिम रूप से अमेरिकी सेना वहां से चली गई तो पता चला कि करीब सात बिलियन डॉलर का सैन्य साजो सामान छोड़ गई है।

इजिप्ट डायरी-1: अनुराग कश्यप जीनियस डायरेक्टर, ऐक्टर को बिना सिखाए सब कुछ सिखा देते हैं- राहुल भट्ट

राहुल भट्ट ने अल गूना फिल्म फेस्टिवल के बारे में कहा कि इजरायल-हमास युद्ध के साये में यह फेस्टिवल मानवता के लिए हो रहा है। हम कलाकारों के लिए सबसे पहले मानवता है। मशहूर रूसी रंग चिंतक स्तानिस्लावस्की ने अपनी किताब ‘ऐन ऐक्टर प्रिपेयर्स’ में लिखा है कि एक अभिनेता को सबसे पहले एक अच्छा इंसान होना चाहिए।

सिनेमा एक खूबसूरत कविता की तरह: 29वां कोलकाता अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव

5 दिसंबर की शाम को कोलकाता अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का उद्घाटन हुआ था, जिसमें अभिनेता सलमान खान और अनिल कपूर ने बॉलीवुड के बनने में ‘बांग्लाभाषी फिल्मकारों के योगदान’ को शिद्दत से याद किया। निर्देशक विमल राय, हृषीकेश मुखर्जी, संगीतकार सलिल चौधरी और सचिन देव बर्मन ने कैसे और कितनी मेहनत से बॉलीवुड को तैयार किया, सलमान खान, अनिल कपूर और महेश भट्ट ने पूरी कहानी सुनाई।

अरब डायरी 9: झूठी शान के लिए ली जान की सच्ची कहानी ‘डियर जस्सी’

भारतीय मूल के कनाडाई फिल्मकार तरसेम सिंह की पंजाबी फिल्म ‘डियर जस्सी’ को सऊदी अरब के जेद्दा में आयोजित तीसरे रेड सी अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में दूसरा सबसे बड़ा पुरस्कार ‘सिल्वर यूसर अवार्ड’ प्रदान किया गया है। तरसेम सिंह ने विलियम शेक्सपीयर के मशहूर नाटक ‘रोमियो जूलियट’ की मूल प्रेरणा से पंजाब में एक सच्ची दुखांत प्रेम कहानी रची है।

अरब डायरी 8: घूंघट के घनचक्कर में नारी का दर्द ढूंढती किरण राव की ‘लापता लेडीज़’

किरण राव ने ‘धोबी घाट’ (2011) के 12 साल बाद कोई फिल्म बनाई है। ‘लापता लेडीज’  दो ग्रामीण औरतों की कहानी है जो शादी के बाद लाल जोड़े में अपने-अपने पति के साथ ससुराल आते हुए ट्रेन में लंबे घूंघट के कारण खो जाती हैं। किरण राव की यह फिल्म भारतीय समाज में औरतों की दयनीय हालत पर सतत टिप्पणी करती है।

अरब डायरी 7: तीसरे रेड सी फेस्टिवल में चमकीं पाकिस्तानी फिल्में

तीसरे ‘रेड सी इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल’ में बेस्ट फीचर फिल्म का अवॉर्ड पाने वाली पाकिस्तानी फिल्म ‘इन फ्लेम्स’ निर्देशक ज़रार कहन की पहली फिल्म है। पाकिस्तान की ही ईरम परवीन बिलाल की फिल्म ‘वखरी’ (वन ऑफ अ काइंड) को भी काफी लोकप्रियता मिली जो एक सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर कंदील बलोच की ऑनर किलिंग की सच्ची घटना से प्रेरित है।

अरब डायरी 6: पर्दे पर वो किसान जिसने 235 दिन बचाए रखी सद्दाम हुसैन की जान

फिल्म हाइडिंग सद्दाम हुसैन दिखाती है कि कैसे एक अराजक तानाशाह जान पर बन आने पर साधारण इंसान में बदल जाता है। अला नामिक के लिए सद्दाम हुसैन किसी मिथकीय चरित्र की तरह थे। वे सोच भी नहीं सकते थे कि वे कभी उनसे मिल पाएंगे। यह नियति का खेल था कि उन्हें उनके साथ नौ महीने गुजारने पड़े।