Tagged: Ajit Rai

Mission Impossible Poster

कान 2025 (3): कान में हॉलीवुड वाया टॉम क्रूज़ की ‘मिशन इम्पॉसिबल: द फाइनल रेकनिंग’

टॉम क्रूज़ की ‘मिशन इंपॉसिबल: द फाइनल रेकनिंग’ यह फिल्म सच्चे अर्थों में एक ग्लोबल और यूनिवर्सल फिल्म है जो अपनी पटकथा में अमेरिका के साथ रुस, भारत, पाकिस्तान, इजरायल, ब्रिटेन, उत्तर कोरिया, जापान, दक्षिण अफ्रीका आदि कई देशों को शामिल करती हैं।

कान 2025 (2): सिनेमा के ज़रिए रूस पर वार… ‘टू प्रॉसीक्यूटर्स’

जब से रुस ने यूक्रेन पर हमला किया है तब से कान फिल्म फेस्टिवल एकतरफा यूक्रेन का समर्थन कर रहा है और इसीलिए यहां रुसी फिल्में और फिल्मकार लगभग प्रतिबंधित है। इस बार सर्गेई लोज़नित्सा की यह फिल्म मुख्य प्रतियोगिता खंड में दिखाई गई है। यह फिल्म एक राजनैतिक थ्रिलर है जो हमें 1937-38  के रुस में स्तालिन युग के उस खौफनाक दौर में ले जाती है जब झूठे आरोप लगाकर और महान सोवियत क्रांति का गद्दार होने के संदेह में करीब दस लाख निर्दोष नागरिकों को यातना देकर मार डाला गया था।

Robert De Niro at acannes

कान 2025 (1): ट्रम्प के सिनेमा टैरिफ के विरोध के साथ शुरू हुआ 78 वां कान फेस्टिवल

हॉलीवुड स्टार लियोनार्डो डिकैप्रियो ने रॉबर्ट डी नीरो के सम्मान में कहा कि वे दुनिया भर के अभिनेताओं के लिए रोल मॉडल बन चुके हैं। उन्होंने सिनेमा में अभिनय की परिभाषा बदल दी है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर के युवा अभिनेताओं के लिए डिनीरो का काम देखना ही सबसे बड़ी ट्रेनिंग है कि कैसे किसी चरित्र का अभिनय करते हुए शारीरिक ट्रांसफॉर्मेशन संभव होता है।

द शेमलेस: दो त्रासद ‘स्त्रीत्व’ के बीच जीवन की तलाश

फिल्म ‘द शेमलेस’ कहीं से भी अलग से कोई नैतिक उपदेश देने की कोशिश नहीं करती और न ही किसी पर कोई आरोप लगाती है। परिस्थितियों और मानवीय संवेदनाओं के जरिए पटकथा का ताना-बाना बुना गया है। एक तरफ दादी (मीता वशिष्ठ) की निष्क्रिय आध्यात्मिकता है तो दूसरी तरफ मां की खानदानी जिम्मेदारी निभाने की क्रूरता तो इन सबसे ऊपर बेटी की मुक्ति-लालसाएं है।

‘सुपर ब्वाएज़ ऑफ मालेगांव’: हिंदी सिनेमा के लिए कस्बाई दीवानगी की कहानी

मालेगांव के स्पूफ सिनेमा की चर्चा आज भी दुनिया भर में होती है। इसी फिल्म में एक किरदार थे नासिर शेख। रीमा कागती ने ‘मालेगांव का सुपरमैन’ डॉक्यूमेंट्री के आधार पर उसके एक प्रमुख किरदार नासिर शेख की हिंदी में बायोपिक बनाई है- ‘सुपर ब्वायज आफ मालेगांव’। फरहान अख्तर, जोया अख्तर  और ऋतेष सिधवानी के साथ रीमा कागती भी फिल्म की एक प्रोड्यूसर है। यह फिल्म टोरंटो अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में शोहरत बटोरने के बाद सऊदी अरब के जेद्दा में आयोजित चौथे रेड सी अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में प्रतियोगिता खंड में दिखाई गई और काफी सराही गई।

कनु बहल की ‘डिस्पैच’: मुंबई की रोशनी में अंधेरे की पड़ताल

दस साल पहले मई 2014 में दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण कान फिल्म फेस्टिवल के ऑफिशियल सेलेक्शन में कनु बहल की पहली ही फिल्म ‘तितली’ (अनसर्टेन रिगार्ड खंड में) दिखाई गई और उन्हें अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिल गई। पिछले साल 76 वें कान फिल्म फेस्टिवल 2023 में उनकी दूसरी फिल्म ‘आगरा’ (डायरेक्टर्स फोर्टनाइट) का प्रदर्शन हुआ और इसे काफी पसंद किया गया। ‘आगरा’  के सिनेमाई दर्शन को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने ‘डिस्पैच’ में एक क्राइम रिपोर्टर (मनोज बाजपेई) की कहानी के ज़रिए देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की चमक-दमक के मिथ को तोड़ने की कोशिश की है।

Priyanka Chopra

अरब डायरी 2024 (6): फिल्म इंडस्ट्री में मेरा कोई गॉडफादर नहीं- प्रियंका चोपड़ा

जब अनुराग बसु ने ‘बर्फी’ की कहानी सुनाई तो पहले तो मुझे लगा कि यह रोल नहीं कर पाऊंगी, पर लहरों के खिलाफ जाना मेरी आदत बन चुकी थी। उन दिनों रणबीर कपूर न्यूयॉर्क में ‘अनजाना-अनजानी’ की शूटिंग कर रहे थे। मैं एक इवेंट में जाने की जल्दी में थी। अनुराग बसु ने कहा कि ठीक है, वे दूसरी फिल्म के लिए मुझसे बाद में मिलेंगे। मैंने उनसे पांच दिन का समय मांगा।

Aamir Khan at Red Sea IFF 2024

अरब डायरी 2024 (1): आमिर खान का सम्मान, रेड सी अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह का भव्य शुभारंभ

चौथे रेड सी अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में दुनिया भर से आए सिनेमा प्रेमियों से बातचीत करते हुए आमिर खान ने कहा कि वर्षों से उनकी इच्छा रहीं हैं कि तीनों खान (आमिर, शाहरुख और सलमान) किसी एक फिल्म में साथ-साथ काम करें। उन्होंने कहा कि पिछले महीने ही वे शाहरुख और सलमान से एक साथ मिले थे और वे भी चाहते हैं कि वे तीनों एक साथ काम करें। लेकिन ऐसी फिल्म के लिए जो कहानी उन्हें चाहिए वह अभी तक नहीं मिली है। 

कान 2024 (6): कान में संतोष शिवन को सिनेमैटोग्राफी का बड़ा सम्मान

संतोष शिवन ने इस अवसर पर आभार प्रकट करते हुए कहा कि सिनेमैटोग्राफी एक वैश्विक कला है इसलिए यह यूनिवर्सल है।जितनी आसानी से मैं तमिल और मलयालम सिनेमा में काम करता हूं उतनी ही सुविधा से हिंदी सिनेमा, हॉलीवुड और विश्व सिनेमा में काम करता हूं। उन्होंने कहा कि एक बार जापान के सिनेमैटोग्राफर एसोसिएशन के आमंत्रण पर मैं उनके साथ पचास दिन रहा। मैंने देखा कि वे मेरी फिल्म ‘दिल से’ के मशहूर गीत ‘छैंया छैंया’ गा रहे थे।

कान 2024 (5): पायल कपाड़िया की ‘आल वी इमैजिन ऐज़ लाइट’ का शानदार प्रीमियर

कान फिल्म फेस्टिवल के 77 सालों के इतिहास में तीस साल बाद कोई भारतीय फिल्म मुख्य प्रतियोगिता खंड में चुनी गई है। वह फिल्म है पायल कपाड़िया की मलयालम हिंदी फिल्म ‘आल वी इमैजिन ऐज लाइट’।  इससे पहले 1994 में शाजी एन करुण की मलयालम फिल्म ‘स्वाहम’ प्रतियोगिता खंड में चुनी गई थी।