मसाला फिल्मों की मंडी में सार्थक सिनेमा का जुनून थे श्याम बेनेगल

श्याम बेनेगल से पहले  सत्यजित रे के जरिये भारतीय सिनेमा को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पहचान मिल चुकी थी लेकिन बेनेगल की फिल्मों ने नये संदर्भों में एक नये प्रगतिशील नज़रिये के साथ भारतीय समाज की कहानियों को, समाज में आ रहे बदलावों को, मध्य वर्ग को, सत्ता-व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष को और प्रतिरोध को पूरी दुनिया के सामने पेश किया और भारतीय सिनेमा की प्रतिष्ठा बढ़ायी।