मुग़ले आज़म 1: भारतीय सिनेमा का सबसे बड़ा महाकाव्य

के आसिफ की ‘मुग़ले आज़म’ जिस विराट महाकाव्यात्मक कैनवास को लेकर बनाई गई थी उसे प्रायः समझा ही नहीं गया। ‘मुग़ले आज़म’ को तब तक नहीं समझा जा सकता जब तक कि हम इस बात को ध्यान में नहीं रखते कि यह फिल्म विभाजन की भयावह त्रासदी से उभरते देश के एक धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनने के आरंभिक सालों की समानांतर रचना है।