पायल कपाड़िया की फिल्म ‘ए नाइट ऑफ नोइंग नथिंग’
‘ए नाइट ऑफ नोइंग नथिंग’ एक कलात्मक फिल्म है जो दर्शकों का मनोरंजन करती है। उनके विचारों को छूती है। उन्हें समृद्ध करती है। यह आनेवाले फिल्मकारों के लिए नये प्रतिमान गढ़ती है।
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‘ए नाइट ऑफ नोइंग नथिंग’ एक कलात्मक फिल्म है जो दर्शकों का मनोरंजन करती है। उनके विचारों को छूती है। उन्हें समृद्ध करती है। यह आनेवाले फिल्मकारों के लिए नये प्रतिमान गढ़ती है।
कान फिल्म फेस्टिवल के 77 सालों के इतिहास में तीस साल बाद कोई भारतीय फिल्म मुख्य प्रतियोगिता खंड में चुनी गई है। वह फिल्म है पायल कपाड़िया की मलयालम हिंदी फिल्म ‘आल वी इमैजिन ऐज लाइट’। इससे पहले 1994 में शाजी एन करुण की मलयालम फिल्म ‘स्वाहम’ प्रतियोगिता खंड में चुनी गई थी।