गिरीश कर्नाड:  मिथक से यथार्थ तक का सफर

 गिरीश कर्नाड को संगीत अकादमी , साहित्य अकादमी , कन्नड़ साहित्य अकादमी के पुरस्कार के साथ ज्ञानपीठ सम्मान मिला था । वे पद्मश्री , पदमविभूषण से विभूषित किये गये थे लेकिन यह उनका वास्तविक परिचय नही है । वास्तविक परिचय यह है उन्होने नाटकों के क्षेत्र में मौलिक काम किया । पुराण और लोकमिथकों की प्रस्तुति नये संदर्भो में की । बादल सरकार , विजय तेंदुलकर , उत्पल दत्त जैसे साथी नाटककारों से मिल कर रंगमंच की भारतीय छबि बनाई । उनके साथ इस पीढ़ी का अंत हो रहा है ।