‘आल वी इमैजिन ऐज लाइट’: वर्ल्ड सिनेमा में भारत के लिए उम्मीद की रोशनी

पायल कपाड़िया जब भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान पुणे में पढ़ती थी तो 2017 में उनकी शार्ट फिल्म ‘आफ्टरनून क्लाउड्स’ अकेली भारतीय फिल्म थी जिसे  70 वें कान फिल्म समारोह के सिनेफोंडेशन खंड में चुना गया था। इसके बाद 2021 में उनकी डाक्यूमेंट्री ‘अ नाइट आफ नोइंग नथिंग’ को कान फिल्म समारोह के’ डायरेक्टर्स फोर्टनाइट में चुना गया था और उसे बेस्ट डाक्यूमेंट्री का गोल्डन आई अवार्ड भी मिला था।  लेकिन इस साल  77 वें कान फिल्म समारोह में पायल कपाड़िया ने इतिहास रच दिया…

M T Vasudevan Nair

अलविदा एम टी: अपूर्ण प्रेम के अप्रतिम कथाकार का जाना

प्रेमियों को अंत में मिला कर दर्शक को प्रसन्न कर देना बहुत आसान है। एम. टी. यह नहीं करते हैं, वे प्रेम को अपूर्ण दिखाते हैं, उनके यहाँ अंत में प्रेमी-प्रेमिका का मिलन अक्सर नहीं होता है।

Shyam Benegal

मसाला फिल्मों की मंडी में सार्थक सिनेमा का जुनून थे श्याम बेनेगल

श्याम बेनेगल से पहले  सत्यजित रे के जरिये भारतीय सिनेमा को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पहचान मिल चुकी थी लेकिन बेनेगल की फिल्मों ने नये संदर्भों में एक नये प्रगतिशील नज़रिये के साथ भारतीय समाज की कहानियों को, समाज में आ रहे बदलावों को, मध्य वर्ग को, सत्ता-व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष को और प्रतिरोध को पूरी दुनिया के सामने पेश किया और भारतीय सिनेमा की प्रतिष्ठा बढ़ायी। 

Priyanka Chopra

अरब डायरी 2024 (6): फिल्म इंडस्ट्री में मेरा कोई गॉडफादर नहीं- प्रियंका चोपड़ा

जब अनुराग बसु ने ‘बर्फी’ की कहानी सुनाई तो पहले तो मुझे लगा कि यह रोल नहीं कर पाऊंगी, पर लहरों के खिलाफ जाना मेरी आदत बन चुकी थी। उन दिनों रणबीर कपूर न्यूयॉर्क में ‘अनजाना-अनजानी’ की शूटिंग कर रहे थे। मैं एक इवेंट में जाने की जल्दी में थी। अनुराग बसु ने कहा कि ठीक है, वे दूसरी फिल्म के लिए मुझसे बाद में मिलेंगे। मैंने उनसे पांच दिन का समय मांगा।

अरब डायरी 2024 (5): ‘सीमा का गीत’-  अफ़गानिस्तान के बदलते दौर में औरतों की दास्तान

फिल्म के कलाकारों ने एक महत्वपूर्ण बात कही कि जिस सऊदी अरब में इस्लाम का जन्म हुआ वहां पर औरतों की इतनी आज़ादी है और अफगानिस्तान के तालिबानी शासन में उन्हें कोई आजादी नहीं है।  शिक्षा औरतों का अधिकार है। तालिबान उनके देश पर कब्जा कर सकता है पर हमारी आवाज नहीं ले सकता। हमारे यहां की लाखों औरतें रोज भुगत रही हैं। हमारी लड़ाई जारी रहेगी।

Tarika

कविता जैसी संवेदना वाली फिल्में: 30वें KIFF का समापन

बुल्गारिया की जिस फिल्म ‘तारिका’ को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार मिला, वह वाकई बेहतरीन फिल्म थीं। इस फिल्म में तारिका नामक एक किशोरी की कथा है, जो बुल्गारिया सीमा पर सुदूर एक गांव में अपने पिता और दादी के साथ रहती हैं। उसकी मां नहीं है। वह अपनी बकरियों को पालती और उसका दूध बेचती है। इसी के सहारे  उसकी और उसके परिवार की जिंदगी चलती है। इस बुल्गेरियन फिल्म में उस किशोरी के संघर्षों की कथा है।

अरब डायरी 2024 (4): बांग्लादेश के मकसूद हुसैन की फिल्म ‘सबा’ की विकलांग सच्चाई

यह एक अजीबोगरीब स्थिति है कि एक ही फ्लैट में दो औरतें कैद हैं। शीरीन शारीरिक रूप से कैद हैं क्योंकि वह अपने से हिल डुल भी नहीं सकती जबकि उसकी बेटी सबा भावनात्मक रूप से कैद हैं क्योंकि वह अपनी मां को अकेले मरता हुआ नहीं छोड़ सकती। मकसूद हुसैन ने ढाका के निम्नमध्यवर्गीय जीवन का चित्रण बहुत गहराई से किया है। मकसूद हुसैन ने फिल्म में प्रकट हिंसा कहीं नहीं दिखायी है लेकिन वातावरण में हर पल हिंसा की आहट सुनाई देती है। एक एक दृश्य को यथार्थवादी ढांचे में फिल्माया गया है। सबा की भूमिका में महज़बीन चौधरी ने बेमिसाल काम किया है।

अरब डायरी 2024 (3): भगवान राम का रोल हर अभिनेता का सपना-रणबीर कपूर

रणबीर कपूर ने अपने पिता ऋषि कपूर को याद करते हुए कहा कि वे हमेशा अपने कामों में व्यस्त रहते थे पर एक बार मुझे उनके साथ चार महीने रहने का मौका मिला। हम एक ही कमरे में सोते थे। वे थोड़े गरम मिज़ाज (शार्ट टेंपर) के थे। मैं उन्हें असिस्ट कर रहा था। उस दौरान मैंने इतना कुछ सीखा जितना न्यूयॉर्क के ली स्ट्रासबर्ग स्कूल की पढ़ाई के दौरान भी नहीं सीख सका था।

Parikrama

KIFF 2024 रिपोर्ट 2: दिल और दिमाग से उपजा सिनेमा

‘परिक्रमा’ की कथा यह है कि इस फिल्म में दो किशोर हैं और दोनों ‘मातृत्व विहीन’ है। एक अलकजेंड्रो का अपना बेटा है, जिसकी मां गुजर चुकी हैं और दूसरा नर्मदा में विस्थापन के कारण अनाथ की जिंदगी जी रहा वह किशोर (लाला) है।

Kareena Kapoor

अरब डायरी 2024 (2): आमिर के जैसा दूसरा कोई नहीं – करीना कपूर

त हुई। जब फिल्म आई थी तो हर लड़की गीत ढिल्लों के किरदार में खुद को देखती थी। यदि आप पूछें कि कौन सा किरदार मुझे सबसे ज्यादा पसंद है तो मैं कहूंगी कि ‘जब वी मेट’ की गीत ढिल्लों।