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एक दक्ष अभिनेत्री, जिनका नाम था श्रीला मजुमदार

श्रीला मजुमदार असल में निर्देशक मृणाल सेन की खोज थीं। वह कलकत्ता के बंगबासी कॉलेज से अभी ग्रेजुएट होकर निकली ही थीं और बांग्ला नाटक के रिहर्सल वगैरह में हिस्सा ले रही थी तभी निर्देशक मृणाल सेन की नज़र एक रिहर्सल के दौरान श्रीला मजुमदार पर पड़ी ‌और सांवली रंग की श्रीला को मृणाल सेन ने अपनी अगली फिल्म के लिए चुन लिया।

सिनेमा एक खूबसूरत कविता की तरह: 29वां कोलकाता अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव

5 दिसंबर की शाम को कोलकाता अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का उद्घाटन हुआ था, जिसमें अभिनेता सलमान खान और अनिल कपूर ने बॉलीवुड के बनने में ‘बांग्लाभाषी फिल्मकारों के योगदान’ को शिद्दत से याद किया। निर्देशक विमल राय, हृषीकेश मुखर्जी, संगीतकार सलिल चौधरी और सचिन देव बर्मन ने कैसे और कितनी मेहनत से बॉलीवुड को तैयार किया, सलमान खान, अनिल कपूर और महेश भट्ट ने पूरी कहानी सुनाई।

उत्तम कुमार: एक सितारा जो आज तक चमकता है

उत्तम कुमार बंगाल के लोगों के चहेते थे, जिन्होंने उन्हें महानायक का खिताब दिया था। बंगाल में कोई और अभिनेता नहीं हुआ, जिसने तीन दशक में उत्तम कुमार जितना कद हासिल किया हो। उन्होंने 200 से अधिक फिल्मों में काम किया था।

भारतीय फिल्मों में त्रयी परंपरा और बुद्धदेब बाबू

कवि, प्रोफेसर और फिल्मकार, बुद्धदेव दासगुप्ता समकालीन भारत की सबसे अहम सिनेमाई आवाजों में से थे। उनके पास कल्पना थी, एक कवि की गीतात्मकता थी और इसे सिनेमा में बदलने का हुनर था।

तपन सिन्हा का सिनेमा

Birth anniversary special: बंगाली सिनेमा पर जब भी कोई गंभीर चर्चा होती है वो बांग्ला फिल्मकारों की सबसे प्रतिष्ठित त्रयी- सत्यजित राय, ऋत्विक घटक और मृणाल सेन से शुरु होकर वहीं खत्म हो जाती है। हालांकि बंगाली सिनेमा में तपन सिन्हा जैसा कोई दूसरा फिल्मकार नहीं, जिसने उच्चस्तरीय कलात्मकता और बॉक्स ऑफिस सफलता को एक साथ साधा हो।