कनु बहल की ‘आगरा’: समाज के तलछट में जीते परिवार की स्याह कहानी
कनु बहल ने आगरा के तलछट के जीवन और दिनचर्या को बखूबी फिल्माया है और चमक दमक से भरी दुनिया गायब है। कहानी के एक-एक किरदार अपने आप में संपूर्ण है और सभी मिलकर भारतीय निम्नवर्गीय परिवार का ऐसा कोलाज बनाते हैं कि कई बार तो घर पागलखाना लगने लगता है। यहां यह भी ध्यान दिलाना जरूरी है कि आगरा शहर अपने पागलखाने के लिए भी जाना जाता है।