कान 2024 (4): भारतीय सिनेमा के लिए दुनिया से बिज़नेस

Share this

इंपा के उपाध्यक्ष अतुल पटेल का कहना है कि यूनेस्को से मान्यता प्राप्त विश्व की सबसे बड़ी संस्था फेडरेशन इंटरनेशनल डि आर्ट फोटोग्राफिक ( फियाप ) ने इंपा को सदस्यता आफर की है। भारत में फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया ( एफएफआई) और राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम ( एन एफ डी सी) ही इसके सदस्य हैं लेकिन इन दोनों संस्थाओं ने कई सालों से फियाप को अपनी वार्षिक सदस्यता नहीं दी है।  इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फोटोग्राफिक आर्ट दुनिया भर के अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों को अपने तय मानदंडों के आधार पर मान्यता प्रदान करती है। कान, बर्लिन, वेनिस, टोरंटो, बुसान सहित दुनिया भर में होने वाले सैकड़ों अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह इसी संस्था से मान्यता प्राप्त करते हैं।  भारत में इस संस्था ने केवल चार अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों को मान्यता दी है – गोवा, केरल, बंगलुरु और कोलकाता। इस संस्था की वार्षिक सदस्यता  25 हजार 170 यूरो है यानी करीब 25 लाख रुपए। माना जा रहा है कि फियाप का सदस्य बन जाने के बाद आस्कर पुरस्कार में भारत से आफिशियल प्रविष्ट भेजने का काम भी इंपा को मिल जाएगा।  युवा फिल्मकार चंद्रकांत सिंह कहते हैं कि असली मुद्दा यहीं है कि कौन सी संस्था आस्कर पुरस्कार के लिए भारत से फिल्मों को भेजेगी।

इंपा के उपाध्यक्ष अतुल पटेल कहते हैं कि बड़े फिल्म निर्माता तो अपनी फिल्मों को विदेशों में प्रदर्शित करने में कामयाब हो जाते हैं पर भारत के हजारों छोटे छोटे फिल्म निर्माताओं के पास ऐसे अवसर नहीं होते। कान फिल्म बाजार में इंपा की भागीदारी से यह संभव हुआ है। उदाहरण के लिए असित और डियाना घोष की फिल्म ‘अवनी की किस्मत’ को यहां छह कंपनियों से बिजनेस का आमंत्रण मिला। इसी तरह ‘टेल आफ राइजिंग रानी’ के निर्माता अशोक कुमार शर्मा को भी कई खरीदार मिले। इंपा के अध्यक्ष अभय सिन्हा की लन्दन में बनी भोजपुरी फिल्म ‘संजोग’ को भी यहां काफी सफलता मिली।

इंपा के अध्यक्ष अभय सिन्हा कहते हैं कि हमारी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा कंटेंट बेस्ड फिल्में कान फिल्म बाजार में बिजनेस करें जिससे भारत के छोटे फिल्म निर्माताओं को फायदा हो। भारत के पास असंख्य कहानियां हैं जिसे दुनिया सुनना चाहती है। हम यदि कोशिश करें तो यूरोप-अमेरिका में हमारी कंटेंट बेस्ड फिल्में अच्छा बिजनेस कर सकती हैं। अतुल पटेल जोड़ते हैं कि कान फिल्म बाजार में इंपा को अच्छी सफलता मिली है जिससे आने वाले समय में हम और बेहतर बिजनेस कर सकते हैं। इंपा ने फिक्की के भारत मंडप में भी कई कार्यक्रम आयोजित किए जिसमें बड़ी संख्या में सिनेमा से जुड़े लोगों की भागीदारी रही।

भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सचिव संजय जाजू ने विस्तार से फिल्म निर्माण में सरकार की प्रोत्साहन योजनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि अब भारत सरकार विदेशी फिल्म निर्माताओं को 40 प्रतिशत तक या तीन मिलियन यूरो तक कैशबैक प्रोत्साहन दे रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की हर संभव कोशिश है कि भारत को विदेशी फिल्मों की शूटिंग का एक पसंदीदा गंतव्य बनाया जाए।

You may also like...