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दुर्गा का प्रयाण

दुर्गा को आप बंगाली, या भारतीय सिनेमा का चरित्र ही नहीं कह सकते। यह विश्व सिनेमा की धरोहर है। जैसे लियोनार्दो दा विंची की मोनालिसा।

नहीं रहीं ‘पथेर‌ पांचाली’ की दुर्गा

उमा दासगुप्ता ने दुर्गा के किरदार को ‘पथेर पांचाली’ में ऐसा जीवंत किया कि आज यह फिल्म दुनिया की एक ‘आइकोनिक मूवी’ बन गई है। ‘पथेर पांचाली’ को संसार की सौ बेहतरीन फिल्मों में शुमार किया जात है।

‘एकमात्र सत्यजित राय…’ – ऋत्विक कुमार घटक

जो भी हो, सत्यजित बाबू के शिल्पकर्म को लेकर यह आलोचना नहीं है। उनकी ‘पथेर पांचाली’ हम लोगों को या मेरी ज्ञान-पिपासा को कैसे संतुष्ट करती है, इसका लाक्षणिक बखान भर है यह ! सत्यजित राय पर ऋत्विक घटक के दुर्लभ आलेख का जयनारायण प्रसाद का किया हिंदी अनुवाद।