भारतीय सिनेमा के लिए ‘ऑस्कर’ का सबसे यादगार दिन
30 मार्च भारतीय सिनेमा के लिए एक यादगार दिन है। उस दिन से जुड़ी गौरवशाली घटना के बारे में अपने अनुभव साझा कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार और लेखक जयनारायण प्रसाद, जो उन दिनों कोलकाता में इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप के लिए रिपोर्टिंग कर रहे थे। कला-संस्कृति-सिनेमा में विशेष रुचि रखने वाले जयनारायण प्रसाद इंडियन एक्सप्रेस समूह के अखबार जनसत्ता कलकत्ता से लगभग तीन दशकों तक जुड़े रहे हैं। सिनेमा पर उन्होने व्यापक रुप से गंभीर और तथ्यपरक लेखन किया है। गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी, गायक मन्ना डे, फिल्मकार श्याम बेनेगल, अभिनेता शम्मी कपूर से लेकर अमोल पालेकर, नसीरुद्दीन शाह और शबाना आज़मी तक से बातचीत उल्लेखनीय। जयनारायण प्रसाद ने जाने माने फिल्मकार गौतम घोष की राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त बांग्ला फिल्म ‘शंखचिल’ में अभिनय भी किया है।
आज एक यादगार दिन है और भारतीयों के लिए अविस्मरणीय दिन भी !
30 मार्च, 1992 को कलकत्ता के बेल व्यू नर्सिंग हॉस्पिटल में सत्यजित राय को सिनेमा में जीवन पर्यंत योगदान के लिए ऑस्कर ट्राफी प्रदान की गई थी। करीब दो हफ्ते पहले ‘एकाडेमी ऑफ मोशन पिक्चर’ की पूरी टीम सत्यजित राय को ऑस्कर पुरस्कार देने के लिए अमेरिका से कलकत्ता आ पहुंची थीं। जब डॉक्टरों ने उस ऑस्कर टीम को अनुमति दी, तब पूरी टीम कलकत्ता के उस निजी अस्पताल में पहुंची और सत्यजित राय को बेड पर ही ऑस्कर ट्राफी दिया।
इस ऑस्कर ट्राफी को पाने के कुछ दिनों बाद ही सत्यजित राय की मृत्यु हो गई। वो तारीख थीं 23 अप्रैल, 1992. सत्यजित राय की तब उम्र थीं 70 साल। उन्हें दिल की बीमारी थीं और सांस लेने में दिक्कत आ रही थी।
जिस दिन सत्यजित राय को अस्पताल में ऑस्कर ट्राफी दी गई, उसका अमेरिका से लाइव प्रोग्राम भी हुआ था। हॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री ऑड्रे हेपबर्न के हाथों प्रतीकात्मक रुप से सत्यजित राय ने ऑस्कर ट्राफी ग्रहण की थी, हेपबर्न उस वक्त ऑस्कर के मंच पर लाइव मौजूद थीं। इसकी भी एक कहानी है। पुरस्कार देने से पहले सत्यजित राय से पूछा गया था आप किनके हाथों यह ऑस्कर ट्राफी लेना चाहेंगे ?
अस्पताल के बेड पर ऑस्कर ग्रहण करते सत्यजित राय का वीडियो
सत्यजित राय ने तत्काल अभिनेत्री ऑड्रे हेपबर्न का नाम लिया था। सत्यजित राय अभिनेत्री ऑड्रे हेपबर्न के बहुत बड़े फैन भी थे।
सत्यजित राय को दुनिया भर के पुरस्कार मिले हैं। सत्यजित राय को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से डीलिट की उपाधि भी मिली थीं। अभिनेता चार्ली चैपलिन के बाद सत्यजित राय दूसरे ऐसे शख्स थे, जिन्हें यह सम्मान मिला था।
वर्ष 1987 में सत्यजित राय को फ्रांस सरकार का सर्वोच्च सम्मान ‘लेजियों द ऑनर’, 1985 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार और वर्ष 1992 में ऑस्कर पुरस्कार।
उसी साल सत्यजित राय को मरणोपरांत ‘आकिरा कुरोसोवा स्मृति पुरस्कार’ भी मिला, जिसे अभिनेत्री शर्मिला टैगोर ने ग्रहण किया था।
वर्ष 1992 में 23 अप्रैल के दिन जब सत्यजित राय गुजरे, तो उनकी मृत्यु को कवर करने वालों में एक मैं भी था। मेरे लिए यह अविस्मरणीय दिन इसलिए भी है !