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दुर्गा का प्रयाण

दुर्गा को आप बंगाली, या भारतीय सिनेमा का चरित्र ही नहीं कह सकते। यह विश्व सिनेमा की धरोहर है। जैसे लियोनार्दो दा विंची की मोनालिसा।

नहीं रहीं ‘पथेर‌ पांचाली’ की दुर्गा

उमा दासगुप्ता ने दुर्गा के किरदार को ‘पथेर पांचाली’ में ऐसा जीवंत किया कि आज यह फिल्म दुनिया की एक ‘आइकोनिक मूवी’ बन गई है। ‘पथेर पांचाली’ को संसार की सौ बेहतरीन फिल्मों में शुमार किया जात है।

‘एकमात्र सत्यजित राय…’ – ऋत्विक कुमार घटक

जो भी हो, सत्यजित बाबू के शिल्पकर्म को लेकर यह आलोचना नहीं है। उनकी ‘पथेर पांचाली’ हम लोगों को या मेरी ज्ञान-पिपासा को कैसे संतुष्ट करती है, इसका लाक्षणिक बखान भर है यह ! सत्यजित राय पर ऋत्विक घटक के दुर्लभ आलेख का जयनारायण प्रसाद का किया हिंदी अनुवाद।

भारतीय सिनेमा के लिए ‘ऑस्कर’ का सबसे यादगार दिन

पुरस्कार देने से पहले सत्यजित राय से पूछा गया था आप किनके हाथों यह ऑस्कर ट्राफी लेना चाहेंगे? सत्यजित राय ने तत्काल अभिनेत्री ऑड्रे हेपबर्न का नाम लिया था। सत्यजित राय अभिनेत्री ऑड्रे हेपबर्न के बहुत बड़े फैन थे।

सत्यजित राय और उनका सिनेमा क्यों खास हैं?

संस्कृति, सिनेमा और मीडिया के गंभीर समीक्षक जवरीमल्ल पारख जी का ये लेख सत्यजित राय पर लिखी उनकी श्रृंखला की पहली कड़ी है। जो लोग सत्यजित राय के काम और उसकी अहमियत के बारे में विस्तार से नहीं जानते हैं, उन्हे ये लेख ज़रुर पढ़ना चाहिए।

Remembering Satyajit Ray – The Master He was

New Delhi Film Foundation in association with ‘Hindi Se Pyar Hai’ Group and Consulate General of India, New Yorkto Invite you for a stimulating and entertaining talk onRemembering Satyajit Ray – The Master He...

Amitaabh Srivastava

रे: सत्यजित रे की अद्भुत कहानियों से पहचान कराती सीरीज़

सत्यजित रे के जन्म शताब्दी वर्ष में नेटफ्लिक्स पर उनकी 4 कहानियों पर बनाई 4 फिल्मों की एक एंथोलॉजी रिलीज़ हुई है। इन्हे आज के दौर के 4 गंभीर डायरेक्टर्स ने निर्देशित किया है।...